Political News India alliance :गठबंधन की राजनीति को आखिर चाहता ही कौन है ? फिर गठबंधन की राजनीति ज्यादा दिनों तक टिकती भी तो नहीं । लेकिन देश का एक बड़ा सच ये भी है कि पिछले लगभग तीन दशक से ही देश के भीतर गठबंधन की राजनीति ही चल रही है । वैसे देश के भीतर सुबिधा के हिसाब से तो कई गठबंधन है लेकिन मौलिक रूप से दो बड़े गठबंधन तो चल ही रहे है । एक का नाम एनडीए है तो दूसरे का नाम इंडिया है । यह इंडिया भी पहले यूपीए के रूप में काम कर जी रहा था । बस उसमे कमी यही थी कि आज जितनी पार्टियां इंडिया में सम्मिलित है उतनी पार्टियां यूपीए में नही थी । लेकिन यूपीए की बड़ी उपलंधी यही रही कि दस साल तक के दर में इसकी सरकार रही । पीएम के रूप में मनमोहन सिंह देश को चलाते रहे । इससे पहले भी कांग्रेस के सहयोग से सरकार चलती रही है।
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मौजूदा समय में देश के भीतर दो गठबंधन के भीतर लड़ाई जारी है । एनडीए की अच्छी बात यह है कि उसके पास बीजेपी जैसी ताकतवर पार्टी है । उसके पास खुद ही 303 सांसद हैं । कोई उसके साथ नही भी हो तो भी बीजेपी सरकार चला सकती है । लेकिन फिर भी बीजेपी एनडीए को खींच रही है । एनडीए की कमजोरी यह है कि उसके पास आज जितनी पार्टियां है इनमे से अधिकतर पार्टियों का कोई जानदार नही है । किसी राज्य में कोई उपस्थिति भी नही है । ऐसे में बीजेपी के सामने अधिकतर पार्टियां बोलने और कोई सवाल करने को ताकत नहीं रखती ।
लेकिन इंडिया के सामने बड़ी चुनौती है । अभी इंडिया गठबंधन में जितनी 28 पार्टियां है उनमें सभी के अपने जानदार है और अपनी कुछ न कुछ ताकत भी । कई पार्टियों की कई राज्यों में सरकार भी चल रही है । और मजबूत सरकार चल रही है । यही वजह है किस्से बंटवारे को लेकर इंडिया के बीच रार कुछ ज्यादा ही है । कोई भी पार्टी अपनी ताकत को कम करने को तैयार नहीं है और इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ रहा है ।
अभी बंगाल को ही देखिए । बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें है । इंडिया गठबंधन के भीतर बंगाल में टीएमसी ,कांग्रेस और वाम दल है । लेकिन टीएमसी कांग्रेस और वाम दल को कोई सीट देने के मूड में नहीं है । टीएमसी बंगाल में इन्ही दो दलों से लड़ती रही है । हालाकि अब बंगाल में बीजेपी भी एक ताकत के रूप में उभरी है और बीजेपी का भी वहां जनाधार बढ़ा है । करीब 17 सांसद भी बीजेपी के हैं । ऐसे में ममता के लिए बड़ी चुनौती अब बीजेपी हो गई है।
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लेकिन ममता बनर्जी अब बंगाल में किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं चाहती है । वह अकेले लड़ना चाहती है । आज ममता ने जो बाते कही है उससे साफ हो गया है कि वह बंगाल में किसी के साथ सीट शेयरिंग नही करेगी । जाहिर है अगर बंगाल में वाम दल और कांग्रेस को चुनाव लडना है तो अपने दम पर ही लड़ना होगा । ऐसे में जाहिर है कि वाम दल ,कांग्रेस और टीएमसी अलग अलग चुनाव लड़ते है तो इस में BJP का लाभ होना तय है । बीजेपी यही चाहती भी है ।
ऐसे में साफ है कि इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नही है । बंगाल में ममता अकेले चुनाव लडेगी । तो फिर गठबंधन की बात कैसी । जाहिर है विपक्ष को अब वह लाभ नही मिल सकता । आगे क्या कुछ होता है इसे देखने को जरूरत होगी । वैसे एनडीए के भीतर भी कुछ यही खेल होना तय है । लेकिन चुकी बीजेपीकी हालत काफी मजबूत है ऐसे में बीजेपी कभी भी इंडिया से आगे रह सकती है ।