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तेजी से बदलती राजनीति और कांग्रेस की बदलती तस्वीर!

India Politics news Congress! देश के भीतर तेजी से राजनीति बदल रही है। सामने लोकसभा चुनाव है इसलिए बीजेपी की कोशिश यही है कि किसी भी सूरत में यह चुनाव भी वह जीते और नेहरू के बराबर खड़ा हो जाए। आजाद भारत में नेहरू ही एक ऐसे नेता हुए जो लगातार तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। पीएम मोदी भी यही चाहते हैं। इसलिए बीजेपी की राजनीति अभी सबसे ज्यादा आक्रामक हो गई है। बीजेपी कई योजनाओं के जरिये जनता से मुलाक़ात कर रही है। संघ भी काफी सक्रिय है और पार्टी के बड़े नेता भी देश भर में बैठके कर रहे हैं। मकसद यही है कि चाहे जो हो जाए, लगले लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल करनी है। पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद जिस तरह से बीजेपी की जीत तीन राज्यों में हुई है उसके बाद बीजेपी की सक्रियता और भी बढ़ गई है। पार्टी का मानना है कि मोदी के नाम पर देश अभी एकमत है और पार्टी की अगली जीत भी सुनिश्चित है।

उधर कांग्रेस भी बड़े बदलाव की तैयारी में है। संगठन में बदलाव वह कर रही है इसके साथ ही जिस तरह से पांच राज्यों में चुनाव के बाद तीन हिंदी पट्टी के राज्यों में उसकी हार हो गई है उससे कांग्रेस निराश जरूर हुई ही लेकिन उसके हौसले अभी भी बुलंद है। पार्टी को लग रहा है कि जनता से जुड़ने का यह बड़ा मौका है और जनता से जुड़कर ही वह बीजेपी को भारी चुनौती दे सकती है। राहुल गाँधी फिर से भारत जोड़ो यात्रा पर निकल रहे हैं। इस बार की यात्रा पहसे ज्यादा लम्बी है। पहली यात्रा जहाँ चार हजार किलोमीटर की थी वही यह यात्रा 6200 किलोमीटर की है। इस यात्रा का नाम भारत न्याय यात्रा रखा गया है। 14 जनवरी से यह यात्रा मणिपुर से शुरू होगी और 20 मार्च को यह मुंबई में समाप्त होगी। कांग्रेस को इस यात्रा से काफी उम्मीद है। जानकार मान रहे हैं कि इस यात्रा से कांग्रेस को बहुत ताकत मिल सकती है। जिन राज्यों से कांग्रेस की यात्रा निकलेगी हालांकि उन राज्यों में कांग्रेस का बड़ा जनधार अब बचा नहीं है लेकिन इस बात की उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस अगर इस यात्रा के जरिए कुछ वोट बढ़ाने में सफल होती है तो कांग्रेस इस बार बाजी पलट सकती है।

आज नागपुर में कांग्रेस अपना स्थापना दिवस मना रही है। नागपुर वैसे तो संघ का घर है लेकिन कांग्रेस यहाँ बड़ी रैली भी कर रही है। इस रैली में पार्टी के सभी नेता पहुंचे हुए हैं। जाहिर है इस रैली के जरिए कांग्रेस संघ और बीजेपी को चुनौती देती दिखेरही है। कहा जा रहा है कि इस रैली में भारी भीड़ इकठ्ठा हुई है। अगर आगामी चुनाव में कांग्रेस अपनी ताकत को दिखा सकती है तो महाराष्ट्र में पार्टी को बहुत कुछ मिल सकता है और बीजेपी को वह मात भी दे सकती है।

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लेकिन बदलती राजनीति में राजस्थान पर कांग्रेस का ज्यादा फोकस है। तीन राज्यों में कांग्रेस की हार तो हुई है लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत की हार क आन्तरा से हुई है। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि अशोक गहलोत आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ बेहतर कर सकते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस ने कई राज्यों में संगठन में बदलाव तो किये हैं लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत को नहीं हटाया गया है। यह भी सच है कि सचिन पायलट को लेकर राहुल गाँधी अशोक गहलोत से काफी रहे हैं। लेकिन राजस्थान में जिस तरह के परिणाम ए हैं उससे साफ़ लग रहा है कि कमजोर प्रबंधन के बाद भी जिस तरह से गहलोत ने बीजेपी से लड़ाई की है वह काबलिए तारीफ भी है। यही वजह है कि भले ही कांग्रेस ने मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़ के संगठन में बड़े बदलाव किये हैं लेकिन राजस्थान में अभी भी गहलोत के हाथ में ही कमान को सौपा गया है। पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में गहलोत बेहतर कर सकते हैं और ऐसा हुआ तो आगामी राजनीति में लोकसभा पर बड़ा असर पड़ेगा।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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