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इस दिन पूरी दुनिया में गूंजा था राष्ट्रीय गान .जिसे सुन हर हिंदुस्तानी हो जाता है गौरवान्वित!

National Anthem Of India: ‘जन गण मन’ को 24 जनवरी 1911 को भारत का राष्ट्रगान घोषित किया गया था। लेकिन इसको पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता में हुए अधिवेशन में गाया गया था। उस वक्त यह बंगाली और हिंदी भाषा दोनों में गाया गया था। राष्ट्रगान से जुड़ी अहम जानकारी के बारे में जानिए।

नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर (Noble prize winner rabindranath tagore) द्वारा लिखे गए ‘जन गण मन’ को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था। लेकिन 27 दिसंबर 1911, आज से ठीक 112 साल पहले पहली बार सार्वजनिक मंच पर भारत का राष्ट्रगान जन-गण-मन गूंजा था। कलकत्ता (अब कोलकाता) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में इसे गाया गया था। हालांकि तब तक यह राष्ट्रगान घोषित नहीं हुआ था। इसे गाने वाली कोई और नहीं बल्कि नोबेल पुरस्‍कार विजेता और राष्ट्रगान के रचयिता रविंद्र नाथ टैगोर की भांजी सरला थीं। उन्‍होंने स्‍कूली बच्‍चों के साथ बंगाली भाषा में राष्ट्रगान गाया था। सामने बैठे थे कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष बिशन नारायण डार, अंबिका चरण मजूमदार, भूपेंद्र नाथ बोस जैसे नेता। उस समय बंगाल के बाहर के लोग इसे नहीं जानते थे। इसे साल 1905 में बंगाली में लिखा गया था।

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कहां से लिया गया जन-गण-मन?
Jana gana mana बंगाली भजन ‘भरतो भाग्यो बिधाता’ का पहला छंद है। इसे गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। खुद रविंद्रनाथ टैगोर ने 1919 में आंध्र प्रदेश के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज में इसे पहली बार गाया था। कॉलेज प्रशासन ने इसे मॉर्निंग प्रेयर में शामिल कर लिया था। बाद में सुभाष चंद्र बोस के निवेदन पर आबिद अली ने इसका हिंदी और उर्दू में रूपांतरण किया था। बाद में इसकी अंग्रेजी में भी रचना की गई, यह हिंद सेना का नैशनल ऐंदम था। 24 जनवरी 1950 को आजाद भारत की संविधान सभा ने इसे अपना राष्ट्रगान ( National Anthem Of India) घोषित किया गया था।

कैसे बना राष्ट्रगान?
जब आजादी की रात्रि मे संविधान सभा पहली बार बैठी तो उसका समापन ‘जन गण मन’ से ही हुआ था। 1947 में ही न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा (UNGA) की बैठक हुई और भारतीय प्रतिन‍िधिमंडल से देश का राष्‍ट्रगान बताने को कहा गया तो UNGA को ‘जन गण मन’ की रिकॉर्डिंग दी गई थी। एक चिट्ठी में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जिक्र किया था कि दुनियाभर के प्रतिनिधियों के सामने, ऑर्केस्‍ट्रा पर ‘जन गण मन’ गूंजा और सबने इसकी धुन को सराहा। हालांकि औपचारिक रूप से तब तक इसे राष्‍ट्रगान नहीं घोषित किया था। 24 जनवरी, 1950 को जब भारत के संविधान पर हस्‍ताक्षर करने के लिए सभा बैठी। इसी दौरान देश के प्रथम राष्‍ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने आधिकारिक रूप से ‘Jana gana mana ’ को राष्‍ट्रगान और ‘vande mataram’ को राष्‍ट्रगीत घोषित किया

Prachi Chaudhary

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