PM Modi US Visit Update: अमेरिका से तेल खरीद बढ़ाएगा भारत, जानिए मुस्लिम देशों पर कितना पड़ेगा असर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अब अमेरिका से ज़्यादा तेल और गैस खरीदेगा। इस पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी कहा कि अमेरिका से भारत का तेल और गैस आयात सालाना 15 अरब डॉलर से बढ़कर 25 अरब डॉलर हो सकता है। ऐसे में इस डील का मुस्लिम देशों पर कितना असर होगा, यह हम इस खबर में जानेंगे।
PM Modi US Visit Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई अहम समझौते हुए हैं। इस द्विपक्षीय बैठक में ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा कि भारत अब अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस खरीदेगा। ट्रंप का मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इसके बाद विदेश सचिव ने भी बयान देकर इसकी पुष्टि की। ऐसे में सोचने वाली बात है कि अगर भारत अमेरिका से ज्यादा तेल खरीदता है तो मुस्लिम देशों का क्या होगा? यानी इस डील का मुस्लिम देशों पर कितना असर होगा।
सबसे पहले जानते हैं कि भारत के विदेश सचिव ने क्या कहा? जिसके बाद ये चर्चा शुरू हुई। हाल ही में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि संभावना है कि अमेरिका से तेल और गैस का आयात 15 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 25 बिलियन डॉलर सालाना किया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर भारत अमेरिका के साथ व्यापार में करीब 10 डॉलर की बढ़ोतरी करता है तो मुस्लिम देशों पर इसका कितना असर होगा।
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भारत किन देशों से तेल खरीदता है?
बीबीसी के अनुसार, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत दुनिया के 30 से ज़्यादा देशों से तेल खरीदता है। भारत आज भी दुनिया में तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। इसे भारत की कूटनीति का हिस्सा माना जाता है कि वह ज़्यादा से ज़्यादा देशों से तेल खरीदे। इसीलिए अमेरिका के साथ-साथ भारत सऊदी अरब, यूएई, रूस, इराक़ और कुवैत जैसे कई देशों से तेल आयात करता है।
माना जा रहा है कि भारत की खपत इतनी ज्यादा है कि अगर वह अमेरिका की तरफ शिफ्ट भी हो जाए तो भी दूसरे देशों पर इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। आर्थिक विशेषज्ञ और जाने-माने ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा कहते हैं कि भारत दुनिया के 30 से ज्यादा देशों से तेल और गैस का आयात करता है। भारत हर दिन 55 लाख बैरल तेल का इस्तेमाल करता है।
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भारत किसी एक देश पर निर्भर नहीं है
भारत किसी एक देश पर निर्भर रहने की कोशिश नहीं करता। क्योंकि कई बार युद्ध, भूकंप या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण तेल की आपूर्ति रुक जाती है। इसीलिए जब हम कई देशों से तेल खरीदते हैं तो अगर किसी देश में कोई रुकावट आती है तो दूसरे देश से खरीद बढ़ाकर उसे मैनेज किया जा सकता है। भारत इस सौदे में भी इसी लाभ का इस्तेमाल करेगा। भारत किसी भी देश से आपूर्ति को बहुत कम नहीं होने देगा और अमेरिका से भी तेल आयात करेगा।
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मुस्लिम देशों पर क्या असर होगा?
हालांकि, अगर भारत मुस्लिम देशों से कम तेल खरीदना शुरू कर देता है, तो इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि सऊदी अरब, यूएई जैसे कई खाड़ी देश तेल आधारित अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते हैं। क्योंकि इन सभी देशों को यह एहसास हो गया है कि तेल पर निर्भरता का कोई भविष्य नहीं है। इसीलिए अगर भारत अमेरिका से ज़्यादा तेल खरीदता है, तो इसका इन मुस्लिम देशों पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा। वे देश भी अब तेल के बजाय दूसरे उत्पाद बेचने में ज़्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं।
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