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Amla Navami 2023 Date: सारे पापों को नष्ट करने वाली कब है आंवला नवमी, क्यों कहा जाता हैं इसे अक्षय नवमी और जगधात्री पूजा

Amla Navami Kab Hai: आंवला नवमी के दिन ही आंवले का प्राकट्य हुआ था। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही अक्षय वृक्ष के नीचे भोजन करना इस दिन उत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं कब है आंवला नवमी (Amla Navami) और शुभ मुहूर्त और शुभ योग के बारे में…

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवली नवमी का त्योहार मनाया जाता है, इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक भगवान विष्णु आंवला (Amla Navami) के पेड़ में निवास करते हैं इसलिए आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती है, जिससे आरोग्य, सुख-शांति और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अक्षय नवमी का शास्त्रों में वही महत्व बताया गया है, जो वैशाख मास की तृतीया यानी अक्षय तृतीया का महत्व है। आइए जानते हैं आंवला नवमी कब है और इसे क्यों कहते हैं अक्षय नवमी (Amla Navami) और जगधात्री पूजा…

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आंवला नवमी का महत्व

आंवला नवमी को कूष्मांडा नवमी और जगधात्री पूजा के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि आंवला नवमी (Amla Navami) के दिन किया गया पुण्य कार्य कभी खत्म नहीं होता है। इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा-अर्चना, भक्ति, सेवा आदि की जाती हैं, उसका पुण्य कई जन्म तक मिलता है अर्थात इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अक्षय होता है इसलिए इस तिथि को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन ही द्वापर युग का आरंभ हुआ था और इस दिन से ही भगवान कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं को त्यागकर मथुरा चले गए थे। आंवला भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय फल है और आंवले के वृक्ष में सभी देवी देवता निवास भी करते हैं इसलिए इस पेड़ ( Amla Navami ) की पूजा अर्चना की जाती है।

आंवला नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि की शुरूआत – 21 नवंबर सुबह 3. 16 मिनट से
नवमी तिथि का समापन – 22 नवंबर रात्रि 1. 08 मिनट तक
ऐसे में उदयातिथि को मानते हुए 21 नवंबर यानि मंगलवार को आंवला नवमी का त्योहार मनाया जाएगा।आंवला नवमी पूजा शुभ मुहूर्त – सुबह 6. 48 मिनट से दोपहर 12. 07 मिनट तक

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आंवला नवमी शुभ योग

आंवला नवमी के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व भी काफी बढ़ गया है। आंवला नवमी (Amla Navami) के दिन शाम 8 बजकर 1 मिनट से अगले दिन 6 बजकर 49 मिनट तक रवि योग रहेगा। साथ ही इस दिन हर्षण योग भी बन रहा है। हालांकि इस पूरे दिन पंचक भी लग रहा है।

आंवला नवमी पूजा विधि

आंवला नवमी (Amla Navami) के दिन सुबह स्नान व ध्यान करके आंवले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। आंवले के पेड़ के पर दूध, जल, अक्षत, सिंदूर व चंदन अर्पित करें। इसके बाद आंवला (Amla Navami) के पेड़ पर मौली बांधकर भगवान विष्णु के मंत्र का जप करना चाहिए। इसके बाद धूप दीप से आरती उतारें और 11 बार हाथ जोड़कर परिक्रमा करें। इस दिन कद्दू व सोने का दान देना बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आएं।

Prachi Chaudhary

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