बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 15 दिन में दूसरी बार भारत का दौरा करके हलचल मचा दी है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शेख हसीना के साथ व्यापार और संपर्क सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए बातचीत की। यह यात्रा लोकसभा चुनाव के बाद भारत में नई सरकार बनने के बाद किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों नेता 2019 से दस बार मिल चुके हैं, जिससे रिश्तों में बड़ा बदलाव आया है। शेख हसीना ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी।
व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में चर्चा
दुनिया इस समय ऊर्जा संकट से जूझ रही है, इसलिए पीएम मोदी का फोकस ऊर्जा जरूरतों पर ज्यादा रहा। प्रधानमंत्री के साथ वार्ता से पहले हसीना का राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मोदी-हसीना वार्ता का मुख्य उद्देश्य व्यापार, संपर्क और ऊर्जा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देना है। हसीना उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थीं, जो नौ जून को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। पिछले कुछ वर्षों में भारत और बांग्लादेश के बीच सामरिक संबंध तेजी से बढ़े हैं।
भारत और बांग्लादेश की दोस्ती अब रेलवे से लेकर डिजिटल स्क्रीन तक और समुद्र से आसमान तक एक नया आकार लेगी। बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना से द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान किया है। इसके अनुसार, भारत बांग्लादेश में बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी, डिजिटलीकरण, और समुद्री व आसमानी सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद करेगा। पीएम मोदी ने बांग्लादेश के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई और संबंधों को मजबूत करने के लिए भविष्योन्मुखी दृष्टिपत्र तैयार किया।
मोदी ने कहा – “बांग्लादेश हमारा अच्छा दोस्त है,” तो हसीना ने कहा – “भारत हमारा परखा हुआ मित्र है।” दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग और समुद्री अर्थव्यवस्था पर समझौते को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मीडिया को जारी अपने बयान में मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू करने को सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी व्यापक चर्चा हुई, “हम हिंद प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत करते हैं।”