Israel-Hamas War! युद्ध जानकारों का कहना है कि जिस अंदाज में गाजा पट्टी पर इजरायल हमला कर रहा है उसके बाद गाजापट्टी का बचना मुश्किल है। अभी तक ही यह पूरा इलाका खंडहर में बदल गया है। कही ध्वस्त होते महान बर्बादी की कहानी कह रहे है तो कही आग की लपटों में सब कुछ जलता दिख रहा है। कही लड़े गिरी है तो कही इंसानी क्रंदन से दिल टूटता जस्ता है।चारो तरफ तबाही ही तबाही ।इजरायल इतना घटक हमला करेगा यह हमास ने भी नही सोंचा था।
दोष तो हमास का ही है। किसी सोए हुए बाग को जगाने का काम हमास ने हो किया है। उसे भुगतान तो होगा ही ।लेकिन हमास चाहे जितना भोगे असली मुसीबत तो फिलिस्तीनी खेल रहे है ।आज भी झेलते रहेंगे। भविष्य भी खेलेगा ।इतिहास के अपने में इस भीषण लड़ाई को दर्ज किया जा सकता है ।अब तक कई हजार लोग मारे जा चुके हैं। खबर के मुताबिक लाखों लोग विस्थापन के शिकार हुए है ।इन विस्थापितों को जिंदगी आज कैसी होगी कोई नही जानता। पूरी दुनिया को इस संकट से दो चार होना पड़ सकता है।
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गाजापट्टी को इजरायल ने जला रखा है। जलजला पैदा है वहा ।पूरा गाजापट्टी अंधेरे में डूबा हुआ है। बम के धमाके और रॉकेट के हमले में जब चिंगारी फैलती है और कुछ समय के लिए प्रकाश फैलता है तो जो दिखता है उसे कोई इंसान नही देख सकता ।लाशे ही लड़े ।सारे अस्पताल अंधेरे में है ।घायलों की स्थिति बेहद खतरनाक है। गाजापट्टी में जो कुछ भी हो रहा है उससे फिलिस्तीनियों की हालत और भी नाजुक हो गई है ।संयुक्त राष्ट्र भी चिल्ला रहा है कि मानवता को बचाने की जरूरत है ।इस लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान फिलिस्तीनियों के हो रहे है। इसे बचाने की जरूरत है।
यूएन ने पूरी दुनिया से सहायता करने की अपील भी की है। यूएन ने कहा है कि जो सहायता वहां पहुंच रही है वह कम है और इसे बढ़ने की जरूरत है ।जिस अंदाज में लोग घायल हुए है और विस्थापित हो रहे है उनकी जिंदगी को बचाने की जरूरत है।
गाजा में जितने भी अस्पताल है सभी मरीजों से भरे हुए हैं। वहां दवाइयों की कमी है और अस्पताल चलाने के लिए बिजली की जरूरत है। जेनरेटर चलाने के लिए तेल भी उपलब्ध नहीं है ।अभी तक इजरायल के हमले में बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके है लेकिन हमास भी हमला करने में पीछे नहीं है ।इस लड़ाई का अंतिम परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन मानवता की बरबादी निश्चित है। दुनिया के तमाम शक्तिशाली देश आज। Hsle ही इजरायल के साथ खड़ा हो लेकिन फिलिस्तीन की आवाज को भला कौन दबा सकता। जिसका शोषण होगा वह तो चिल्लाएगा ही। फिलिस्तीन के दर्द को समझने को जरूरत है।