नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के अलगाववागी नेता यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने दोषी करार दिया है। पिछले 20 सालों से भी ज्यादा समय तक घाटी में आतंकवाद फैलाने वाले यासीन पहले ही आरोपों को स्वीकार कर चुका था। बता दें कि यासीन पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप भी शामिल हैं।
यासीन पर जो धाराएं हैं, उनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। हालाकिं सजा पर सुनवाई कोर्ट में अब 25 मई को होगी। वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों से कहा गया है कि वे यासीन की आर्थिक स्थिति का पता लगाएं ताकि उस पर जुर्माना लगाया जा सके।
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ज्ञात हो कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। इसी संगठन का यासीन मलिक चीफ था। यासीन मलिक अभी तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन मलिक पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था।