Liquor Excise Policy Case: 31 मई तक बढ़ाई दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत
Liquor Excise Policy Case: दिल्ली के शराब उत्पाद शुल्क नीति मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई हुई। जिसके बाद अदालत ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है।
26 फरवरी, 2023 को सीबीआई द्वारा दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद उन्हें ईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद 28 फरवरी, 2023 को मनीष सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद से मनीष सिसोदिया हिरासत में ही हैं।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के न्यायाधीश का कहना है कि आरोप पर बहस स्थगित करने का एक आवेदन उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपी जिन्हें सीबीआई और ईडी द्वारा हिरासत में लिया गया था। उनको जेल से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया।
सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में अदालत ने 30 अप्रैल को कथित घोटाले के संबंध में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शराब उत्पाद शुल्क नीति मामले में मंगलवार सुबह हुई सुनवाई में अदालत ने सीबीआई और ईडी के साथ-साथ सिसोदिया के वकील की दलील सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
मनीष सिसोदिया को किस कैस के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था
मनीष सिसोदिया पर जांच एजेंसियों द्वारा ये आरोप लगाया गया था कि, उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय कुछ प्रमुख नियमों में राहत बरती थी, जिसके तहत लाइसेंस धारकों को कुछ अनुचित लाभ प्रदान किए गए थे, और कुछ धारकों का लाइसेंस शुल्क भी माफ या कम कर दिया गया था। इसी के साथ एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना आगे बढ़ा दिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है की, लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को इसके लिए “अवैध” रूप से लाभ पहुंचाया था। जिसके बाद जांच से बचने के लिए उनके खाते की किताबों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। 17 नवंबर, 2021 को दिल्ली सरकार द्वारा ये नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 में इस नीति को रद्द कर दिया गया था।