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कन्हैया लाल बर्बर हत्याकांडः लापरवाही में एसएचओ-एएसआई निलंबित, हत्यारों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज

जयपुर: भाजपा का पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पक्ष में पोस्ट करने पर उदयपुर में मंगलवार को इस्लामिक कट्टरपंथियों गौस मोहम्मद और रियाज मोहम्मद द्वारा टेलर कन्हैया लाल की दिन दहाड़े उसकी ही दुकान नें वीऊ-विभीत्स और बर्बरता के साथ गला काटकर हत्या किये जाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां(रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करा दिया है। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को सौंप दी गयी है।

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) मोहन लाल लाठर ने कहा कि राजस्थान पुलिस जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को हर संभव सहयोग देगी। इन दोनों हत्या आरोपियों का पाकिस्तान की एक इस्लाम मामलों की संस्था ‘दावत ए इस्लाम’ से कनेक्शन मिलने के बाद घटना के पीछे किसी आतंकवादी संगठन का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं की जा सकता।

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लाठर का कहना है कि हत्या आरोपियों ने पन्द्रह दिन पहले ही टेलर कन्हैया लाल को सिर कलम कर मौत के घाट उतारने का फरमान जारी कर दिया था। कन्हैया लाल ने पुलिस में जान से मारने की धमकी देने संबंधी शिकायत भी की थी, लेकिन संबंधित थाना प्रभारी ने अपने स्तर के कन्हैया लाल को सुरक्षा नहीं करायी और एएसआई भंवरलाल के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय दोनों पक्षों का आपस में समझौता करा दिया था।

यदि थाना प्रभारी और एएसआई समय के रहते उचित कार्रवाई करते तो इस घटना को होने से बचाया जा सकता था। इसलिए लापरवाही बरतने पर इन दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। उधर राजस्थान सरकार ने मृतक कन्हैया लाल के परिजनों को कुल मिलाकर 33 लाख रुपये का देने और परिवार के दो सदस्यों को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया है।

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