नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी खत्म होते ही सभी व्रत और त्योहार (Karwa Chauth 2022) शुरू हो जाते हैं और ये सभी त्योहार देवउठनी एकादशी तक काफी धूमधाम से मनाए जाते हैं। दशहरा पर्व खत्म होने के बाद अब शादीशुदा महिलाओं का महत्वपूर्ण त्योहार करवा चौथ आ रहा है। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को है। इस व्रत में सरगी की परंपरा का खास स्थान है, तो आज हम जानेगें सरगी का मुहूर्त और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां के बारे में।
इस दिन है करवा चौथ
हिंदू पंचांग के मुताबिक करवा चौथ का त्योहार (Karwa Chauth 2022) हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 14 अक्टूबर को रात 03 बजकर 08 मिनट तक है। मान्यताओं के अनुसार, कोई भी व्रत-त्योहार उदया तिथि के आधार पर ही होता है। इस वजह से इस बार व्रत 13 अक्तूबर 2022 को ही मनाया जाएगा। इस व्रत में महिलाएं दिन भर निर्जल रह कर शाम को करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं और रात में चंद्र देव के दर्शन के बाद अपने पति का चेहरा देखकर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 अक्तूबर 2022 को करवा चौथ पर पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त शाम 04 बजकर 08 मिनट से लेकर 05 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। यह मुहूर्त अमृतकाल है। इस समय पूजा करने का विशेष फल मिलेगा।
चंद्रोदय का समय
इस बार करवा चौथ पर शाम 08 बजकर 09 मिनट पर चंद्रोदय है। इसी समय चंद्र दर्शन करके महिलाएं अपना व्रत तोड़ेंगी।
करवा चौथ की सरगी
करवा चौथ में सरगी (Karwa Chauth 2022) का बहुत महत्व होता है। सरगी के जरिए सास अपनी बहू को सुहाग का सामान, फल, मिठाई देकर सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देती हैं। सरगी की इस थाल में 16 श्रृंगार की सभी चीजें, ड्राई फ्रूट्स, फल, मिष्ठान आदि दिए जाते हैं। थाल में दिए गए व्यंजनों को खाने के बाद ही करवा चौथ व्रत का आरंभ किया जाता है। अगर किसी की सास ना हो, तो यह रस्म जेठानी या बहन भी कर सकती हैं।
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सरगी खाने का समय?
करवा चौथ व्रत वाले दिन सरगी सूर्योदय से पहले 4 से 5 बजे की बीच कर लेना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजें ना हों। इससे व्रत का फल नहीं मिलता है।
सरगी में क्या-क्या होना चाहिए?
सुहाग पिटारा: यह तो सभी जानते हैं कि करवा चौथ सुहागिनों का पर्व है, इसलिए सरगी की थाल में 16 श्रृंगार का सामान कुमकुम, बिंदी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, लाल साड़ी, गजरा, महावर, सिंदूर, पायल, मांग टीका, बिछिया, काजल, कंघी जरूर होने चाहिए।
फल: सरगी की थाल में श्रृंगार के समान के साथ-साथ ताजे और मौसमी फल भी होने चाहिए। इनमें सेब, अनानास जैसे फल रख सकते हैं, क्योंकि यह फल सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होते हैं।
मिठाई: सरगी हमेशा सूर्योदय से पहले की जाती है, इसलिए सरगी की थाल में सास अपनी बहू को मिठाई जरूर दें। बता दें कि मीठा खाने से व्रत में कोई बाधा नहीं आती है।
मेवे-नारियल पानी: इस व्रत के दौरान हर सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए अन्न-जल का त्याग करती हैं। इसलिए महिलाओ के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सास को अपनी बहू की सरगी की थाल में मेवे और नारियल पानी जरूर रखना चाहिए।