Lok Sabha Speaker Om Birla: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा है कि वे तब तक संसद में अपनी कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक संसद सुचारु रूप से नहीं चलता। कहा जा रहा है कि संसद के भीतर जिस तरह का माहौल हैं उसमें संसद को चलाना मुश्किल है और इस तरह के माहौल विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के भी कुछ लोग ख़राब कर रहे हैं। लोकसभा स्पीकर इसी बात को लेकर बेहद नाराज हैं। वैसे संसद के भीतर तो शुरू से ही माहौल गरमाया हुआ है।
मणिपुर मामले को लेकर विपक्ष लगातार संसद में हंगामा कर रहा है। हंगामा इतना ज्यादा है कि पिछले दस दिनों से संसद में कोई कार्यवाही नहीं चल रही है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार नोक झोंक जारी है। विपक्ष मणिपुर के मामले में प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की मांग कर रहा है लेकिन सत्ता पक्ष ऐसा नहीं चाहता। सत्ता पक्ष यही कहता है कि मणिपुर पर चर्चा के लिए गृहमंत्री अमित शाह तैयार हैं लेकिन विपक्ष कह रहा है कि सदन के नेता प्रधानमंत्री हैं और उन्हें ही चर्चा करनी चाहिए। इसके साथ ही विपक्ष लम्बे समय तक मणिपुर पर चर्चा चाहता है जबकि सरकार चाहती है कि ढाई तीन घंटे की ही बहस हो।
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इसी बीच विपक्ष की तरफ से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया। इसके पीछे का सच यह है कि आखिर इस बहाने भी प्रधानमंत्री सदन में आएंगे और चर्चा करेंगे। संभवतः आठ तारीख को इस पर चर्चा भी होगी।
इस बीच मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ जिससे लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker Om Birla) काफी आहत हुए। बेल में जाकर कुछ लोगों ने कागज के टुकड़े फेंके और नारे भी लगाए। कहा जा रहा है कि इससे बिड़ला काफी आहत हुए हैं। इसके बाद ही उन्होंने कहा कि जब तक सदन सुचारु रूप से नहीं चलता है तब तक वे स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। ओम बिड़ला ने इस बात की जानकारी दोनों पक्षों को बता दी है। उनकी नाराजगी सत्ता पक्ष के भी कुछ लोगों से है। कई सत्ता पक्ष के सांसदों के व्यवहार से भी वे नाराज हैं।
स्पीकर बिड़ला ने कहा है कि जब तक सदन में अनुशासन का पालन नहीं होता तब तक अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि उनके लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च है। इसके लिए वे किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सदन में मर्यादा कायम रखना सबकी जिम्मेदारी है। सदन के भीतर कुछ सदस्यों का व्यवहार सदन के मर्यादा के खिलाफ है।