Latest Political News: हरियाणा में बीजेपी -जजपा गठबंधन टूट गया है। अब फिर से नई सरकार बनाने की बात की जा रही है। खबर के मुताबिक आज विधायक दल की बैठक होने वाली है। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका है। जानकारी के मुताबिक़ बीजेपी पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ चाँदीघर के लिए रवाना हो गए हैं। इस बात की सम्भावना बढ़ गई है कि आज की बैठक में बीजेपी कोई नया नेता चुन सकती है। मंत्रिमंडल के भी कुछ चेहरे बदले जा सकते हैं। खबर यह भी है कि बीजेपी की नई सरकार में निर्दलीयों को ज्यादा जगह मिल सकती है।
उधर हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा ने कहा है कि बीजेपी को सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके साथ उन्होंने कहा है कि बिना जजपा के ही सरकार बनेगी और आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी राज्य के सभी सीटों पर जीत भी दर्ज करेगी। यह भी बता दें कि राज्य के सभी निर्दलीयों विधायकों ने खट्टर सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है।
जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक बीजेपी और जजपा के बीच लोकसभा सीटों को लेकर तकरार बढ़ा है। दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं होने की वजह से गठबंधन में टूट आई है। उधर जजपा की भी दिल्ली में बैठक हो रही है। आज की बैठक में जजपा के सभी विधायक हिस्सा ले रहे हैं।
दरअसल बीजेपी ने इस बार जजपा के लिए लोकसभा चुनाव के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी है। ऐसे ने नाराज होकर जजपा ने बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म करने की बात कही है। लेकिन अब यह भी कहा जा रहा है कि इस घटना के बाद चौटाला परिवार की राजनीति समाप्ति की तरफ बढ़ रही है। दुष्यंत चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर पार्टी बनाई थी। लेकिन अब गठबंधन ख़त्म होने के बाद दुष्यंत चौटाला की भी राजनीति संकट में फंस गई है।
हालांकि बीजेपी और जजपा के बीच काफी पहले से ही तकरार चल रही थी। दोनों पार्टी के बीच अभी हाल में हिसार सीट को लेकर बखेड़ा खड़ा हुआ था। इस सीट को दुष्यंत चौटाला अपने पास रखना चाहते थे लेकिन बीजेपी इस सीट को पहले से ही कुलदीप विश्नोई को दे चुकी थी। विश्नोई बीजेपी की गैर जाट राजनीति में फिट बैठते हैं। यही वजह है कि यह सीट बृजेन्द्र सिंह को नहीं मिलने के कारन उन्होंने भी बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में चले गए हैं।
हरियाणा में जाट और गैर जाट राजनीति ही चैत्री रही है। बीजेपी गैर जाट राजनीति को आगे बढ़ा रही है जबकि कांग्रेस जाटों को अपने पाले में लाने की कोशिश में है। बीजेपी ने खट्टर को सीएम बनाकर गैर जाट की राजनीति की शुरुआत की थी। उधर कांग्रेस हुड्डा परिवार के हाथ में पार्टी का कमान देकर जाटों की राजनीति को आगे बढ़ा रही है।
ऐसे में इस बार जाटों और गैर जाटों की राजनीति हरियाणा में क्या रंग दिखाती है यह देखना होगा लेकिन अभी जो बीजेपी और जजपा के बीच संकट खड़ा हुआ है उसको लेकर बीजेपी भी सतर्क हो गई है।