PAURI GARHWAL BASE HOSPITAL: श्रीनगर बेस अस्पताल की छवि धूमिल करने के आरोप में भेजा मानहानि का लीगल नोटिस, सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार का मामला
PAURI GARHWAL BASE HOSPITAL: श्रीनगर बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने एक व्यक्ति के खिलाफ सोशल मीडिया पर भ्रामक और झूठी जानकारी फैलाने के आरोप में मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है। उनका कहना है कि उक्त व्यक्ति बिना किसी ठोस आधार के अस्पताल की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहा था। चिकित्सा अधीक्षक ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर अस्पताल के खिलाफ गलत और गुमराह करने वाली बातें प्रचारित की जा रही थीं, जिससे अस्पताल की साख को नुकसान पहुंचा। इस मामले में उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित व्यक्ति को कानूनी नोटिस जारी किया है और चेतावनी दी है कि भविष्य में भी यदि कोई अस्पताल की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
PAURI GARHWAL BASE HOSPITAL : श्रीनगर स्थित मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने एक व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है। आरोप है कि उक्त व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अस्पताल के खिलाफ भ्रामक और झूठी जानकारी प्रसारित कर उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने यह नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और यदि कोई जबरन अस्पताल परिसर में घुसकर गलत प्रचार करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप
चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि 11 जनवरी को एक व्यक्ति जबरदस्ती अस्पताल के डायलिसिस यूनिट में अन्य लोगों के साथ घुस आया और वीडियोग्राफी करने लगा। अस्पताल प्रशासन द्वारा मना करने के बावजूद वह वीडियो बनाता रहा। इसके बाद, इस व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अस्पताल की व्यवस्थाओं और डायलिसिस यूनिट के बारे में झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाई, जिससे अस्पताल की छवि को ठेस पहुंची।
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डॉ. सिंह ने कहा कि इस व्यक्ति ने न केवल अस्पताल प्रशासन बल्कि अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ भी अनर्गल टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, “यह कृत्य न केवल अस्पताल प्रशासन के खिलाफ है, बल्कि मरीजों और जनहित के भी विपरीत है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस व्यक्ति द्वारा डायलिसिस यूनिट की नव गठित टीम के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का मनोबल गिराने की कोशिश की गई, जिससे उनका आत्मविश्वास प्रभावित हुआ।
बेस अस्पताल की कार्रवाई और भविष्य की चेतावनी
डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की अफवाहों और झूठे प्रचार से न केवल अस्पताल की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है, बल्कि मरीजों में भी भय का माहौल बनता है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर आरोपी को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा गया है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में बिना अनुमति अस्पताल परिसर में जबरदस्ती घुसकर वीडियोग्राफी करने या अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति अस्पताल की छवि धूमिल करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
साजिश का आरोप, अस्पताल कर्मी की संलिप्तता
चिकित्सा अधीक्षक ने यह भी आरोप लगाया कि इस व्यक्ति ने पहले भी अस्पताल में काम करने वाले एक कर्मी के साथ मिलकर एक साजिश रची थी। इस साजिश के तहत लोगों को उकसाकर चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में भीड़ जमा करवाई गई थी। उस समय, अस्पताल के प्राचार्य और एक वरिष्ठ प्रोफेसर के खिलाफ गाली-गलौज और मारपीट की साजिश रची गई थी। सोशल मीडिया पर उस समय भी गलत प्रचार किया गया था, जिससे अस्पताल की छवि को नुकसान पहुंचा।
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डायलिसिस यूनिट की सेवाएं और सुधार
बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि जनवरी में डायलिसिस यूनिट को फिर से शुरू किया गया, और अब तक 31 मरीजों की कुल 128 बार डायलिसिस की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों की भी सफलतापूर्वक डायलिसिस की गई है।
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डॉ. सिंह ने बताया कि डायलिसिस यूनिट में कार्यरत एक कर्मी को घोर लापरवाही और अनियमितता के कारण हटा दिया गया था। इसके बाद ही डायलिसिस सेवाएं सुचारू रूप से शुरू हो सकीं। उन्होंने बताया कि अब मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है और अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है।
अस्पताल प्रशासन की अपील
अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी जानकारी की पुष्टि अस्पताल से करें। प्रशासन ने कहा कि मरीजों की भलाई के लिए अस्पताल पूरी तरह से समर्पित है और किसी भी तरह की नकारात्मकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है, और भविष्य में भी अस्पताल की छवि खराब करने वालों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
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