LEOPARD DEATH IN RISHIKESH: हरिद्वार-ऋषिकेश रेलवे ट्रैक पर मादा गुलदार की दर्दनाक मौत, रेलवे के खिलाफ मुकदमा दर्ज
LEOPARD DEATH IN RISHIKESH: हरिद्वार-ऋषिकेश रेलवे ट्रैक पर एक मादा गुलदार का शव मिलने से हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और इस मामले में रेलवे के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। घटना के बाद राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम भी जांच में जुट गई है ताकि गुलदार की मौत के कारणों का पता लगाया जा सके।
LEOPARD DEATH IN RISHIKESH: उत्तराखंड के हरिद्वार-ऋषिकेश रेलवे ट्रैक पर एक मादा गुलदार की ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। हादसे के बाद वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
गश्त के दौरान वनकर्मियों को मिला गुलदार का शव
घटना का पता वन विभाग के कर्मचारियों को गश्त के दौरान चला। ट्रैक पर गुलदार का शव मिलने के बाद वनकर्मी तुरंत सक्रिय हो गए और उसे मोतीचूर रेंज कार्यालय लेकर पहुंचे। यहां पशु चिकित्सकों की टीम ने गुलदार का पोस्टमार्टम किया और उसके शव का निस्तारण कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गुलदार की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई पुष्टि हुई है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि इस मामले में रेलवे के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर किस ट्रेन की टक्कर से गुलदार की मौत हुई। वन विभाग और रेलवे प्रशासन मिलकर इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
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खाने की तलाश में ट्रैक तक पहुंची होगी मादा गुलदार
वन विभाग के अनुसार, मादा गुलदार की उम्र लगभग सात वर्ष थी और संभवतः वह भोजन की तलाश में रेलवे ट्रैक तक आ गई होगी। ट्रैक पार करते समय तेज गति से आ रही ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। यह घटना राजाजी टाइगर रिजर्व के जंगलों के करीब हुई, जो कि वन्यजीवों की आवाजाही का प्रमुख क्षेत्र है।
उत्तराखंड में पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
उत्तराखंड में इससे पहले भी कई बार रेलवे ट्रैक पर वन्यजीवों की मौत के मामले सामने आए हैं। खासकर हरिद्वार-ऋषिकेश रेलवे ट्रैक और राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले अन्य रेल मार्गों पर हाथी, गुलदार और अन्य वन्यजीवों की दुर्घटनाओं में मौत होती रही है। हालांकि, इस समस्या के समाधान के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
वन्यजीव संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ट्रैक पर विशेष सेंसर और साइन बोर्ड लगाए जाने चाहिए, जिससे ट्रेन चालकों को वन्यजीवों की मौजूदगी का संकेत मिल सके और वे सतर्कता बरत सकें। इसके अलावा, रेलवे ट्रैक के पास बाड़ लगाकर वन्यजीवों की ट्रैक तक पहुंच को रोका जा सकता है
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