Spiritual Discipline: लेक्स फ्रिडमैन ने पॉडकास्ट से पहले रखा 45 घंटे का उपवास, पीएम मोदी ने कहा- ‘वास्तव में आश्चर्यचकित’
अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साक्षात्कार से पहले 45 घंटे का उपवास रखा। पीएम मोदी ने इसे एक आश्चर्यजनक और सम्मानजनक कदम बताया, जो भारतीय संस्कृति की गहरी समझ को दर्शाता है। इस चर्चा में उपवास के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
Spiritual Discipline: नई दिल्ली: प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक विशेष बातचीत के लिए 45 घंटे का उपवास रखा। उन्होंने इस उपवास को इस इंटरव्यू की तैयारी और भारतीय संस्कृति के सम्मान में किया। उनके इस कदम पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह उनके लिए एक सुखद आश्चर्य था।
फ्रिडमैन ने क्यों रखा उपवास?
पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रिडमैन ने खुलासा किया कि उन्होंने इस साक्षात्कार से पहले लगभग दो दिनों तक केवल पानी पीकर उपवास किया। उन्होंने कहा, “मैंने यह उपवास इस बातचीत की गहराई को महसूस करने और इसे आध्यात्मिक रूप से जोड़ने के लिए किया है।”
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उनका मानना है कि उपवास से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्पष्टता भी मिलती है, जिससे गहन विचार-विमर्श करने में मदद मिलती है।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रिडमैन के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “यह जानकर मैं वास्तव में आश्चर्यचकित हूं कि आपने यह उपवास रखा। यह देखकर खुशी होती है कि हमारी परंपराओं को समझने और आत्मसात करने की आपकी यह भावना कितनी गहरी है।”
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति में उपवास केवल भोजन त्यागने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्म-अनुशासन और मानसिक शक्ति को बढ़ाने का एक तरीका है।
उपवास का महत्व और मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय परंपरा में उपवास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल शरीर को शुद्ध करता है बल्कि मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है।
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उन्होंने कहा, “हमारे शास्त्रों में उपवास का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व बताया गया है। यह केवल भोजन से दूर रहने का नाम नहीं है, बल्कि मन और आत्मा को जागरूक करने का माध्यम भी है।”
मोदी ने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब कोई उपवास करता है, तो उसकी इंद्रियां अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। “आपकी सूंघने, स्वाद लेने और स्पर्श करने की क्षमता तेज हो जाती है। इस दौरान आपका दिमाग भी अधिक केंद्रित रहता है,” उन्होंने कहा।
फ्रिडमैन और मोदी के बीच संवाद का प्रभाव
लेक्स फ्रिडमैन और पीएम मोदी के बीच यह संवाद केवल एक इंटरव्यू नहीं था, बल्कि एक गहरे वैचारिक और दार्शनिक आदान-प्रदान का मंच भी बना। फ्रिडमैन का उपवास इस चर्चा को और अधिक अर्थपूर्ण बना गया, जिससे भारतीय संस्कृति और जीवनशैली की गहराई को समझने में मदद मिली।
इस साक्षात्कार में भारतीय दर्शन, योग, आयुर्वेद और आत्म-अनुशासन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। मोदी ने बताया कि कैसे भारत में हजारों वर्षों से आत्मसंयम और अनुशासन को महत्व दिया गया है और यह आधुनिक जीवनशैली में भी प्रासंगिक बना हुआ है।
उपवास और मानसिक स्पष्टता
फ्रिडमैन ने इस चर्चा के दौरान कहा कि उपवास से उनकी सोचने और निर्णय लेने की क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने महसूस किया कि भोजन से दूर रहने से दिमाग अधिक सतर्क और केंद्रित हो जाता है।
इस पर पीएम मोदी ने सहमति जताते हुए कहा कि “जब आप उपवास रखते हैं, तो आपकी ऊर्जा भीतर से आती है। यह सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी साधन है।”
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लेक्स फ्रिडमैन द्वारा 45 घंटे के उपवास के साथ पीएम मोदी का यह इंटरव्यू भारतीय परंपराओं, योग, ध्यान और अनुशासन की गहरी समझ को उजागर करता है। यह बातचीत दर्शाती है कि कैसे प्राचीन भारतीय परंपराएं आज भी वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक हैं।
इस चर्चा ने उपवास के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभों को समझाने का एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आत्मसंयम और मानसिक स्पष्टता जीवन में कितनी महत्वपूर्ण हैं।
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