Lok Sabha Election 2024: जाटलैंड पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का टक्कर, कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती !
Lok Sabha Election 2024: लोकतंत्र का नर्तन पुरे शबाब पर है। पश्चिमी यूपी के बाद अब लोगों की निगाहें जाटलैंड के नाम से मशहूर रोहतक और सोनीपत सीट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच घमासान मचा हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच महा मुकाबला होता दिख रहा है। दोनों पार्टियां जीत का दावा तो कर रही है लेकिन जनता अंतिम रूप से किसी अपना आशीर्वाद देगी यह कोई नहीं जानता। बीजेपी किसी भी सूरत में इस बार भी दोनों सीट जीतने की तैयारी में है लेकिन कांग्रेस के सामने भी करो या मरो वाली स्थिति पैदा हो गई है।
यह बात और है कि सोनीपत और रोहतक एक जमाने में कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। रोहतक में अभी तक कांग्रेस की बड़ी जीत होती रही है। 11 चुनाव में से करीब आठ बार कांग्रेस की यहाँ से जीत होती रही है। लेकिन पिछले चुनाव में इन दोनों सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा हो गया था। हरियाणा में वैसे दस सीटें है लेकिन पिछले चुनाव में सबसे कम वोटों से कांग्रेस यहाँ से हार गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस को इन दोनों सीटों से काफी उम्मीद है।
रोहतक और सोनीपत में हुड्डा परिवार का काफी दबदबा माना जाता रहा है। पिछले चुनाव में हुड्डा परिवार की यहाँ से हार हुई थी जिसे यह परिवार आज तक पचा नहीं पाया।इसलिए कांग्रेस इस बार हर हाल में इस बार चुनाव जीतने की तैयारी में है। उधर पीएम मोदी चार सौ पार का नारा लगाते हुए इस बार भी हरियाणा की सभी सीटें जीतने की बात कर रही है। वैसे दोनों लोकसभा सीटों पर 18 विधान सभा की सीटें है लेकिन अभी भी 12 सीटें कांग्रेस के पास है। आज भी यहाँ कांग्रेस की ही तूती बोलती है लेकिन बीते कुछ सैलून में यहाँ बीजेपी भी काफी मजबूत होती गई है।
सोनीपत में बेशक बीजेपी का वोट बैंक तो बढ़ा है लेकिन इस बार पार्टी की जीत इतना आसान भी नहीं है। बीजेपी उम्मीदवार मोहन लाल बड़ौली राई विधान सभा क्षेत्र के विधायक हैं और इलाके में उनकी पहुँच भी खूब है। पिछले चुनाव में उनकी जीत मात्र 2662 वोटों से हुई थी। इस बार वह मोदी के सहारे मैदान में उतरे हुए हैं वही कॉंग्रेस्सस उम्मीदवार को भी पिछले चुनाव में ३७ फीसदी वोट मिले थे। हालांकि 5 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों का वोट बैंक खिसका, मगर ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ।
पिछले चुनाव का ट्रेंड देखे तो बीजेपी को विधान सभा चुनाव में वोट शेयर बढ़ता रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव में वोट काम होजाता है।
पिछले दो ट्रेंड से पता लगता है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट बैंक शेयर बढ़ता है, मगर विधानसभा चुनाव में कम हो जाता है। इस बार क्या होगा इसके बारे में बीजेपी भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है । लेकिन इस बार बीजेपी को चौधरी बीरेंद्र सिंह के फिर से कांग्रेस में आ जाने का नुकसान हो सकता है ।लेकिन इसका लाभ कांग्रेस को कितना मिलेगा यह भी साफ नही है ।
उधर रोहतक की कहानी कुछ अलग ही है ।रोहतक को हरियाणा की राजधानी भी कहा जाता है ।पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से जीत मिली थी ।बीजेपी नेता रविंद शर्मा यहां से 47 फीसदी वोट के साथ चुनाव जीत गए थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र हुड्डा 46 फीसदी वोट पाकर भी हर गए ।दोनो के बीच कांटे को टक्कर हुई थी ।जानकर भी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में इतना कम मार्जिन कोई मायने नहीं रखता ।
इस बार इस जाट लैंड में कोई फेर बदल होता है तो हरियाणा की तस्वीर बदल सकती है ।और ऐसा हुआ तो बीजेपी की मुश्किल बढ़ेगी । माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में बीजेपी को कुछ सीटों का नुकसान हरियाणा में हो सकता है ।हालाकि कांग्रेस भी कोई गारंटी नहीं दे सकती कि वह कहा से चुनाव जीत रही है ।