Lok Sabha Election 2024 Latest News: कांग्रेस कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों की बगावत का सामना क्यों कर रही है ?
Lok Sabha Election 2024 Latest News: कांग्रेस कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों की बगावत का सामना क्यों कर रही है ? आसन्न चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में क्या परिणाम आएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन मौजूदा समय में कांग्रेस कई सीटों पर अपने की उम्मीदवारों के बगावत का सामना कर रही है। जिस तरह की कहानी सामने आ रही है उससे इंडिया गठबंधन भी असहज है और पार्टी के भीतर भी कई तरह की बाते सामने आ रही है।
कांग्रेस के लिए बिहार की पूर्णिया सीट और राजस्थान की बांसवाड़ा सीट गठबंधन की राजनीति को असहज किये हुए है। मजेदार स्थिति पूर्णिया में भी है और बांसवाड़ा में भी। जो उम्मीदवार खड़े हुए हैं वे न तो कांग्रेस की बात मान रहे हैं और नहीं इंडिया गठबंधन की बात को ही मानने को तैयार है। हालत ये है कि गठबंधन के भीतर ही अब रार मची है और इसका होता दिख रहा है।
बिहार की पूर्णिया सीट गठबंधन में राजद के कोटे में गई थी। लेकिन कांग्रेस में अपनी पार्टी को विलय कर चुके पप्पू यादव पूर्णिया सीट से लड़ने को तैयार थे। उन्होंने इस बावत राजद प्रमुख लालू यादव से भी मुलाकात की लेकिन बात नहीं बनी राजद ने जदयू से आयी बीमा भर्ती को मैदान में उतार रखा है। पहले वे पूर्णिया से ही जदयू की विधायक हुआ करती थी। इस बार राजद ने उसे उम्मीदवार बनाया है।
उधर पप्पू यादव पूर्णिया से कई बार सांसद रह चुके हैं इसलिए वे भी पूर्णिया से मैदान में निर्दलीय के रूप में खड़े हो गए हैं। उधर बीजेपी की तरफ से संतोष कुशवाहा भी मैदान में है। कहा जा रहा है कि पप्पू यादव चुनाव से बाहर नहीं होते हैं तो पूर्णिया की यह सीट फिर से एनडीए के पाले में जा सकती है और ऐसा होता है तो इसके लिए कांग्रेस और पप्पू यादव को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
लेकिन पप्पू यादव पीछे हटने को तैयार नहीं है। वे कह रहे हैं कि वे पूर्णिया को कतई नहीं छोड़ सकते। पप्पू यादव के ऐलान को देखते हुए अब माना जा रहा है कि पूर्णिया में अब त्रिकोणीय मुकाबला होगा और वोट बड़ी संख्या में बाँट सकते हैं। ऐसे में बीजेपी की जीत हो सकती है। वैसे पप्पू यादव ताल ठोककर कह रहे हैं कि पूर्णिया से उनकी ही जीत होगी।
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उधर कांग्रेस की असहज स्थिति राजस्थान के बांसवाड़ा में भी है। इस सीट पर कांग्रेस ने अरबिंद डामोर को मैदान में उतारा था और उन्होंने अपना नामांकन भी भर दिया है लेकिनबाद में इस सीट को लेकर कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी के बीच समझौता हुआ और यह सीट भारतीय आदिवासी पार्टी के पास चली गई।
यहाँ से अब भरतीय आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रौत को चुनाव लड़ना है लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार रहे अरबिंद डामोर अब पीछे हटने को तैयार नहीं है। वे अब चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं और कांग्रेस को ही चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर भी अब बीजेपी की राजनीति मजबूत हो गई है।
कांग्रेस ने डामोर को पाना नाम वापस लेने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। वे अब भी मैदान में बने हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए अब बेहद विचित्र स्थिति पिस्दा हो गई है। ऐसे में कांग्रेस को अब दूसरी सीटों पर भी इसका असर पड़ता दिख रहा है।
पूर्णिया में कांग्रेस ने पप्पू यादव को सिबल नहीं दिया था इसलिए पप्पू यादव वखान निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं लेकिन बांसवाड़ा में जो होता दिख रहा है वह विचित्र है। हालत ये है कि जिस भारतीय आदिवासी पार्टी को यह सीट दी गई है अब उसके उम्मीदवार भी कांग्रेस के सिम्बल पर ही चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में भारी कन्फूजन की स्थिति बन गई है।