नई दिल्ली। यूपी के गैर मान्यता मदरसे सर्वे को लेकर मची खलबची के बीच मंगलवार को जमीयत उलेमा- ए-हिन्द ने देश की राजधानी दिल्ली में जमीयत से जुड़े देश भर से मदरसों के प्रधानाचार्यों और नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में यूपी के गैर मान्यता वाले मदरसों के किये जा रहे सर्वे को लेकर पैदा होने वाली संभावित स्थितियों के मद्देनज़र विचार विमर्श किया।
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जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष महमूद मदनी ने कहा कि उत्तर सरकार को सूबे में सरकारी मदद के बिना चलने वाले मदरसों के सर्वे में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। यदि सरकार की नज़र में मदरसों में कहीं कुछ गलत है, तो हम इसके लिए सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं। उन्होने कहा कि इस मामले में किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए।
मदनी ने कहा कि असम की तरह बुलडोजर से मदरसों को नहीं गिराया जाना चाहिए, यदि ऐसा हुआ तो वे इसका विरोध करेंगे। उन्होने कहा कि मदरसों को शक की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। मदरसों से पिछले सौ सालों के इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि मदरसों से निकले लोगों ने हमेशा देश हित में कार्य करके समाज में भाईचारा कायम करने में जो काम जमीयत ने किया है, वह किसी दूसरी संस्था ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे सरकार से बातचीत के लिए अपना प्रस्ताव भेंजेंगे।