Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या कुछ होगा यह तो कोई नहीं जानता लेकिन मौजूदा वक्त में शिंदे सरकार के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे को लेकर जो खींचतान चल रही थी उसे सुलझा लिया गया है। बीजेपी के लिए यह बड़ी राहत की बात है। लेकिन शिंदे गुट का क्या होगा अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।
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जानकारी के मुताबिक कल बुधवार को अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल दिल्ली पहुंचे और अमित शाह से मिले। घंटे भर तक इन सभी नेताओं की बात हुई। महाराष्ट्र की आगामी राजनीति पर तो चर्चा हुई ही, साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जो खींचतान चल रही थी उसे सुलझाया गया। खबर के मुताबिक मौजूदा मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी और शिंदे गुट के चार विधायकों को मंत्री बनाने की बात तय हुई जबकि अजित पवार गुट से दो मंत्री बनाये जायेंगे। याद रहे अजित पवार गुट से 9 लोग पहले ही मंत्री बन चुके हैं जबकि बीजेपी और शिंदे के कोटे से 10 -10 मंत्री हैं। अब मौजूदा विस्तार के बाद बीजेपी और शिंदे गुट से 14-14 मंत्री हो जायेंगे जबकि पवार गुट से 11 लोग मंत्री होंगे।
यह बात और है कि मंत्रिमंडल में सीटों को लेकर तो विवाद ख़त्म हो गया है लेकिन विभागों को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। कहा जा रहा है कि सबसे ज्यादा विवाद वित्त मंत्रालय और सहकारिता एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय को लेकर है अजित पवार की भले ही उपमुख्यमंत्री बनाये गए हैं लेकिन उनकी निगाह वित्त मंत्रालय पर है। उधर शिंदे गुट नहीं चाहता है कि यह मंत्रालय अजित पवार के पास जाए। सहकारिता और ग्रामीण विकास मंत्रालय को लेकर भी इसी तरह की खींचतान है। इस विभाग को अजित का गुट भी चाहता है और शिंदे गुट भी। बीजेपी भी चाहती है कि यह विभाग उसके पास रहे।
खबर के मुताबिक आज या कल मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। पहले विस्तार होगा। शपथ ग्रहण होगा और फिर विभागों का वितरण।असली खेल विभागों के वितरण को लेकर होने हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक कहा गया है कि अमित शाह ने दोनों गुटों को साफ़ तौर से कह दिया है कि महाराष्ट्र की सरकार को बेहतर तरीके से चलाने की जरूरत है ताकि आगामी चुनाव में उसका लाभ मिल सके। लेकिन शिंदे गुट और पवार गुट के भीतर तो अभी भी कोहराम मचा हुआ है। शिंदे गुट के 16 विधायकों पर उनकी सदस्यता ख़त्म होने की तलवार लटकी हुई है तो अजित पवार गुट के साथ गए विधायक लगातार शरद गुट में वापसी करते जा रहे हैं। पार्टी तोड़ते समय अजित पवार ने अपने साथ 40 विधायकों के साथ होने की बात कही थी लेकिन अभी तक उनके साथ दो दर्जन विधायक भी खड़े नजर नहीं आ रहे हैं। इसी बीच शरद पवार अब जनता के बीच खड़े हो गए हैं ऐसे में आगामी चुनाव में बीजेपी के नए गठबंधन का क्या हाल होगा कहना मुश्किल है।