Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीति की बात हो और वीर शिवाजी का नाम नहीं ऐसा नहीं हो सकता है। यह दोनों ही एक दूसरे से जुड़ा हुआ है इस बीच एक बार फिर शिवाजी की प्रतिमा थोड़ी जाने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। यह मामला इतना बढ़ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने कई बार माफ़ी तक मांगी है लेकिन फिर भी विपक्ष पार्टी नाराज है गुस्से में है और लगातार सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
बता दे कि पूरे मामले में अजित पवार भी काफी नाराज चल रहे थे और इस कड़ी में महा विकास आघाडी ने जूता मारो अभियान भी शुरू कर दिया था अजित पवार काफी नाराज हो गए साथी कहा कि कुछ लोग मेरे खिलाफ जूता मारो आंदोलन चलाया और उनकी तरफ से कम शिंदे और कई लोगों ने मेरी फोटो पर जूता मारा गया। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे जूता क्यों मार रहे हो हिम्मत है तो सामने आओ ना फिर देखता हूं। अजीत पवार ने पूरे मामलों को देखते हुए कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए यह मामला गंभीर है और इस पर एक्शन लेना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि आप सब खुद सोच की ऐसी कौन सी सरकार होगी जो चाहेगी कि ऐसी घटना है उसकी राज्य में छत्रपति शिवाजी का मूर्ति टूटना हम सबके लिए दुर्भाग्यपूर्ण है साथ ही कहा कि हमने जनता से माफी भी मांग ली है राजनीति करने की इस पर जरूरत नहीं है। बता दें कि जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा टूटी थी उसे दौरान अधिक पवार ने कहा था कि मैं राज्य का डीपी कम होने के नाते महाराष्ट्र की 13 करोड़ की जनता से माफी मांगता हूं शिवाजी महाराज हमारे देवता तुल्य है और उनकी मूर्ति का गिरना मेरे और राज्य के सभी शिव प्रेमियों के लिए बहुत दुखद बात है।
बता दे कि आज से कुछ 8 महीने पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 35 फीट ऊंची शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन किया था और इस मूर्ति को नौसेना दिवस के मौके पर ही देश को समर्पित किया गया था और इसकी वजह थी कि आज से सालों पहले शिवाजी ने जिस तरीके से देश की नौसेना की न्यू रखी थी इस बात को ध्यान में रखते हुए इस मूर्ति को समर्पित किया गया था।