Manipur violence: मणिपुर हिंसा तो याद होगा जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गवा दी थी दो समुदायों के बीच हुई इस लड़ाई का कोई खत्म नहीं हुआ था इसी मणिपुर से एक और खबर सामने आई है जहां जिरीबाम में शांति कायम करने के लिए मैतेई और हमारे समुदाय के बीच सहमति हुई थी और उसके 24 घंटे के भीतर ही जिरीबाम में हिंसा हो गई। जहां पर मैतेई बस्ती में गोलियां चलाई गईं है। वहीं लालपानी गांव में एक घर में आग लगाने की घटना भी सामने आई है।
मैतेई और हमारे समुदाय के प्रतिनिधि जिरीबाम जिले में हालात ठीक करने और शांति बहाल करने के लिए साथ आए थे। जहां असम के कछार में सीआरपीएफ सुविधा केंद्र में बैठक आयोजित किया गया जहां दोनों पक्ष आमने-सामने खड़े होकर समझौता किया था जिसमें तय किया गया था कि दोनों पक्ष सामान्य स्थिति लाने के लिए गोलीबारी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे साथ ही दोनों पक्ष जिले में तैनात सभी सुरक्षा बलों की भी मदद करेंगे।
यह सहमति होने के 24 घंटे के अंदर जिरीबाम के लाल पानी गांव के एक घर में शुक्रवार की रात आग लगा दी साथ ही इस गांव को निशाना बनाकर कई राउंड गोलियां चलाईं गई । इस घटना के बाद सुरक्षाबलों को उस इलाके में भेजा गया और माहौल को शांत कराया गया। वहीं अधिकारियों ने बताया कि उपद्रवियों ने आगजनी की है जिनकी अभी तक पहचान नहीं की गई है।
मणिपुर में हिंसा कब हुई थी शुरू
मणिपुर हिंसा काफी समय से चल रहा है दोनों समुदायों के बीच चल रही जंग में कई बार महिलाएं को दिक्कत का सामना करना पड़ा था । दरअसल यह जंग साल 2023 के मई महिने से चस रहा है जब इंफाल घाटी के मैतेई और आसपास की पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीवाद को लेकर हिंसा हुई थी जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर भी हो गए थे।