Mansa Devi stampede: हरिद्वार मनसा देवी हादसा, भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत, कांग्रेस ने उठाए भीड़ प्रबंधन पर सवाल
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत और 35 घायल हो गए। कांग्रेस नेताओं ने घटना पर दुख जताते हुए प्रशासन की तैयारियों और भीड़ प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे गंभीर प्रशासनिक चूक बताया और जांच की मांग की है।
Mansa Devi stampede: श्रावण मास के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर पहुंचे थे, लेकिन शनिवार को मंदिर परिसर में अचानक मची भगदड़ ने एक दर्दनाक हादसे का रूप ले लिया। इस हादसे में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 35 लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद हरिद्वार में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है, और प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटा हुआ है
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भगदड़ का कारण बना भीड़ प्रबंधन का अभाव
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और नीचे गिरते श्रद्धालुओं को बचाने की कोशिश में भगदड़ मच गई। कहा जा रहा है कि मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे। उड़न खटोले और पैदल मार्ग दोनों से भीड़ मंदिर की ओर बढ़ रही थी, लेकिन नियोजन के अभाव के चलते हालात बिगड़ गए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का तीखा सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह हादसा प्रशासनिक चूक का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हमारे धार्मिक स्थलों पर लगातार भीड़ बढ़ रही है, ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह सही योजना और अनुभवी अधिकारियों के साथ व्यवस्था को संभाले।” उन्होंने पूछा कि प्रशासन इस स्थिति के लिए पहले से तैयार क्यों नहीं था और भीड़ प्रबंधन में चूक कहां हुई?
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हरीश रावत ने आगे कहा कि इस प्रकार की घटनाएं सरकार की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को धार्मिक स्थलों पर ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाते हुए, अनुभवी और प्रशिक्षित अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने हादसे को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं तो क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी? क्या इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए कोई पूर्व तैयारी नहीं की गई थी?” करन माहरा ने यह भी बताया कि कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। करन माहरा ने यह भी कहा कि यह हादसा एक चेतावनी है कि अगर व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गईं, तो भविष्य में और बड़ी घटनाएं हो सकती हैं।
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प्रीतम सिंह ने सोशल मीडिया पर जताया शोक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सोशल मीडिया पर घटना पर दुख जताया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर के मार्ग पर हुए दर्दनाक हादसे में श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद है। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति प्राप्त हो।”
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प्रशासनिक जांच और मुआवजे की मांग
फिलहाल प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था को लेकर सरकार की तैयारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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