Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तैयारी पूरी तरह से संपन्न हो गई है। 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 102 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं। आज शाम को पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार बंद हो जायेंगे। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस पहले चरण के चुनाव में कई नेताओं की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। पहले चरण के चुनाव में मोदी सरकार के आठ मंत्री समेत दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल भी चुनावी मैदान में हैं। इसके साथ ही देरजां भर से ज्यादा और भी बड़े नेता चुनावी अखाड़े में खड़े हैं।
नागपुर सीट से नीतिन गडकरी भी मैदान में हैं अगर इस बार उनकी जीत होती है तो वह हैट्रिक के सामान होगा। 2014 उन्होंने विलास मुत्तेमवार को हराया था। मुत्तेमवार सात बार के सांसद थे। 2019 में गडकरी के सामने नाना पटोले खड़े थे। पटोले को गडकरी से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार नागपुर सीट भी काफी हॉट सीट मानी जाती है। अगर गडकरी इस बार भी चुनाव में फतह हासिल करते हैं तो बड़ी बात हो सकती है।
उधर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी पहले चरण के चुनाव में खड़े हैं। किरण अरुणाचल के पश्चिम सीट से मैदान में हैं। किरण रिजिजू इस सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतते रहे हैं। रिजिजू के खिलाफ पूर्व सीएम और मौजूदा पार्टी अध्यक्ष नबाम तुकी खड़े हैं। इस बार की लड़ाई कुछ ज्यादा ही तेज है। अगर रिजिजू इस बार भी चुनाव जीतने में सफल होते हैं तो बीजेपी में उनका कद और भी बढ़ सकता है।
पहले चरण के चुनाव में ही सर्वानंद सोनेवाल भी मैदान में हैं। उनकी प्रतिशतः भी इस बार दाव पर चढ़ी हुई है। सोनेवाल की अपनी राजनीति हैं और डिब्रूगढ़ से इस बार बीजेपी के उम्मीदवार हैं। वे अभी केंद्रीय जहाजरानी और बंदरगाह मंत्री हैं। वे असम के सीएम भी रह चुके हैं। सोनोवाल अभी राज्यसभा सांसद भी हैं।
सब्सेस मजेदार लड़ाई इस बार मुज़फ्फरनगर में होने की सम्भावना है। पहले चरण की लड़ाई में इस सीट से बीजेपी के केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान खड़े हैं। लेकिन उनके खिलाफ सपा के हरिंदर मलिक हैं। इसकलए साथ ही इसी सीट से बसपा के उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति भी हैं। कहा जा रहा है कि इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है और कोई भी उम्मीदवार किसी से कमजोर नहीं। उधर उधमपुर सीट से जितेंद्र सिंह मैदान में हैं। वे इस बार हैट्रिक लगाने की कोशिश में लगे हैं लेकिन उनके खिलाफ जो उम्मीदवार हैं वह भी जीत का दावा कर रहे हैं।
राजस्थान की अलवर सीट पर इस बार भूपेंद्र सिंह यादव चुनावी मैदान में हैं। वे केंद्रीय मंत्री भी हैं। पहले इस सीट से बालक नाथ चुनाव जीते थे लेकिन इस बार उनका टिकट काटकर भूपेन्द्र यादव को बीजेपी ने मैदान में उतारा है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी बीकानेर सीट से मैदान में हैं। इसी सीट पर कांग्रेस के गोविन्द राम मेघवाल मैदान में हैं। इस तरह से दो मेघवाल के बीच इस बार बीकानेर की जनता किसे संसद भेजती है यह देखने की बात होगी।
तमिलनाडु में नीलगिरि लोकसभा सीट से द्रमुक के मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ताल थोक रहे हैं। उनकी लड़ाई बीजेपी के उम्मीदवार एल मुरुगन से है। मुरुगन मध्यप्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं लेकिन इस बार वे नीलगिरि से मैदान में उतारे गए हैं। इसी तरह तमिलनाडु के ही शिवगंगा सीट से कीर्ति चिदंबरम मैदान में हैं। तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई कोयंबटूर से चुनाव लड़ रहे हैं और बीजेपी को उनसे इस बार काफी उम्मीद है। बीजेपी को तमिलनाडु से ही इस बार कुछ सीटें मिलने की बात भी कही जा रही है।
पहले चरण के चुनाव में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में भी चुनाव है। यहाँ से कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ मैदान में हैं जबकि इस बार नकुलनाथ को बीजेपी की ताकत का सामना करना पड़ रहा है। कमलनाथ इस सीट से लम्बे समय तक चुनाव जीतते रहे हैं। पिछले चुनाव में नकुलनाथ यहाँ से चुनाव जीते थे। यही एक सीट थी जो पिछली बार कांग्रेस के खाते में गई थी। इस लिहाज से देखा जाए तो यह सीट भी काफी हॉट हो गई है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब पश्चिम त्रिपुरा सीट से लड़ रहे हैं। यहाँ से कांग्रेस के आशीष साहा मैदान में हैं।
असम के कालियाबोर निर्वाचन क्षेत्र से 2014 से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई खुद को पड़ोस के जोरहाट से पार्टी के उम्मीदवार है।