Martyr Monument: काशी पहुंचे चलता फिरता “शहीद स्मारक अभिषेक गौतम”
अभिषेक गौतम अपने शरीर पर शहीदों के साथ कई महापुरुषों के नाम, चित्र, इंडिया गेट एवं शहीद स्मारक भी गुदवाए हुए हैं। वह कारगिल के शहीदों में शामिल छपरा के एकमा के लांस नायक अरुण कुमार सिंह के परिवार से भी मिल चुके हैं। उनकी योजना लांस नायक अरुण कुमार सिंह की प्रतिमा एकमा में लगवाने की है। पंडित अभिषेक गौतम का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो चुका है और देश के कहीं हस्तियां उसे सम्मानित भी कर चुके हैं।
वाराणसी। चलता फिरता शहीद स्मारक कहे जाने वाले अभिषेक गौतम बाबा भोले की नगरी में मसान की होली देखने पहुंचे। उन्होंने अपने शरीर पर तमाम शहीदों के चित्र गुदवा रखे हैं।
अभिषेक से बताया कि उन्हें चलता फिरता शहीद स्मारक इसलिए बोला जाता है क्योंकि उन्होंने अपने शरीर पर 631 शहीदों के नाम गुदवा रखे हैं। इसलिए उन्हें लोग चलता-फिरता शहीद स्मारक कहते हैं और वे अब इसी के नाम से अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।
गौतम कहते हैं कि 631 शहीदों में से 559 नाम कारगिल के शहीदों के हैं। शेष 72 नाम उन शहीदों के हैं जिनके घर-परिवार वालों से वे मुलाकात कर चुके हैं। अभिषेक गौतम ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने की एक अनोखी शुरुआत की है। पंडित अभिषेक गौतम हापुड़ के रहने वाले हैं। वह पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं। इन दिनों वह बड़हरिया के रसूलपुर में इंटीरियर डिजाइनिंग कर रहे हैं।
अभिषेक गौतम अपने शरीर पर शहीदों के साथ कई महापुरुषों के नाम, चित्र, इंडिया गेट एवं शहीद स्मारक भी गुदवाए हुए हैं। वह कारगिल के शहीदों में शामिल छपरा के एकमा के लांस नायक अरुण कुमार सिंह के परिवार से भी मिल चुके हैं। उनकी योजना लांस नायक अरुण कुमार सिंह की प्रतिमा एकमा में लगवाने की है। पंडित अभिषेक गौतम का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो चुका है और देश के कहीं हस्तियां उसे सम्मानित भी कर चुके हैं।
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अभिषेक काशी में मसान की होली देखने के लिए आए थे। अभिषेक ने बताया कि उनका यह सिलसिला आगे भी तक चलता रहेगा। कुछ शहीद परिवार वालों से अभिषेक हाल ही में मिलकर आये हैं और उनका भी नाम वह जल्द अपने शरीर पर लिखवाएंगे। अभिषेक कारगिल युद्ध में शहीदों के घर से मिट्टी इकट्ठा कर सन 2019 में कारगिल पहुंचकर कलश स्थापित कर चुके हैं।