Mastermind of cyber fraud: गाजियाबाद में 67 लाख की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
Mastermind of cyber fraud: गाजियाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने 67 लाख की ठगी के मास्टरमाइंड देवेश गौर को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी ने फर्जी ट्रेडिंग ऐप E-Trades के जरिए चार राज्यों में हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी की थी।
Mastermind of cyber fraud: गाजियाबाद साइबर क्राइम थाने की टीम ने हाई-प्रोफाइल ठगी के एक सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए राजस्थान के जोधपुर निवासी देवेश गौर को गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के साथ चार राज्यों में हुई साइबर धोखाधड़ी की वारदातों की गुत्थी सुलझ गई है।
फर्जी शेयर ट्रेडिंग का शातिर खेल
शिकायतकर्ता उमेश कुमार को 7 मई 2024 को एक व्हाट्सएप ग्रुप “HNI ACCOUNT” में जोड़कर निवेश के नाम पर फर्जी ट्रेडिंग ऐप E-Trades का इस्तेमाल कर ठगी का शिकार बनाया गया। आरोपियों ने 07 मई 2024 से 08 जुलाई 2024 के बीच 67 लाख रुपये से अधिक की रकम अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई। पीड़ित ने 9 जुलाई 2024 को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य जुटाकर 13 दिसंबर 2024 को देवेश गौर को धर दबोचा।
चार राज्यों के गुनाह उजागर
देवेश गौर की गिरफ्तारी से आंध्र प्रदेश (गुंटूर), पश्चिम बंगाल (कोलकाता), तेलंगाना (साइबराबाद) और उत्तर प्रदेश (गाजियाबाद) की चार घटनाओं का पर्दाफाश हुआ है।
जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच
पूछताछ में देवेश ने स्वीकार किया कि कर्ज और आर्थिक तंगी ने उसे इस अपराध के दलदल में धकेला। उसने अपना बैंक खाता छैल सिंह राठौर नामक शातिर अपराधी को बेचा, जिसने इस खाते का इस्तेमाल ठगी से अर्जित धन को हेरफेर करने में किया। छैल सिंह राठौर ने देवेश के खाते से जोधपुर के मनोहर ज्वैलर्स से ₹1.88 लाख के आभूषण खरीदे, जिसकी पुष्टि दुकान की CCTV फुटेज से हुई। पुलिस को पता चला है कि छैल सिंह लंबे समय से साइबर अपराधों में लिप्त है और पुलिस के रडार से बचता रहा है।
साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की निर्णायक कार्रवाई
गाजियाबाद पुलिस की इस कार्रवाई ने एक जटिल साइबर ठगी नेटवर्क को बेनकाब कर दिया है। अब पुलिस छैल सिंह राठौर जैसे सरगनाओं को पकड़ने में जुटी है।