Congress Allegation: मोदी सरकार ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाकर बेरोजगारी की समस्या बढ़ाई
कांग्रेस (Congress) हर दिन बीजेपी (Bharatiya Janta Party) पर हमलावर है। आज पार्टी नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने एक ट्वीट के जरिये बीजेपी (Bharatiya Janta Party) सरकार पर हमला किया और कहा कि मौजूदा सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रो को आगे बढ़ाने के लिए देश के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी की है। अगर सरकार छोटे ,मध्यम और मझोले उद्योग को मदद करती और उसे आगे बढ़ाती तो देश के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी नहीं होती। रमेश ने कि मोदी सरकार ने इस क्षेत्र के उद्योगों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा कर देश को तबाह किया है। ये उद्योग करीब 12 करोड़ रोजगार पैदा करने की क्षमता रखते हैं लेकिन इसे तबाह कर दिया गया और आज देश के युवा मारे -मारे फिर रहे हैं। आज देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है और करोडो परिवार को आर्थिक चोट लगी है।
जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने एक रिपोर्ट को साझा करते हुए कहा है कि सीआईए यानी कंसोर्टियम ऑफ़ इंडियन असोसिएशंस के सर्वे में शामिल 72 फीसदी उद्यमियों ने कहा है कि बीते पांच साल में उनका कारोबार या तो स्थिर रहा या उसमे गिरावट आयी है। सर्वे में शामिल करीब एक लाख उद्यमियों में से सिर्फ 28 फीसदी ने कहा कि बिजनेश बढ़ रहा है। 76 फीसदी उद्यमियों ने कहा कि मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं। 45 फीसदी की राय है कि एमएसएमई पर सरकार के फोकस के बाद भी बिजनेस आसान नहीं है। हालांकि 21 फीसदी ने यह भी कहा कि कोविड के दौरान सरकार ने एमएसएमई को पर्याप्त सपोर्ट किया था।
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इन उद्यमियों ने बिजनेस नहीं बढ़ने की बात भी कही है। 79 फीसदी उद्यमियों के मुताबिक़ बैंको से लोन लेना आज भी बड़ी चुनौती है। कांग्रेस ने सरकार की नीति पर उठाये हैं। कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार चुनिंदा कारोबारियों को खूब लोन देती है जबकि छोटे उद्यमियों को लोन नहीं दिया जाता। छोटे उद्यमी देश में करीब 12 करोड़ युवाओं को रोजगार देते है लेकिन इस क्षेत्र पर सरकार की कोई नजर नहीं है।
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यह सच भी है कि पिछले कुछ सालो में अधिकतर लोन कुछ बड़े कारोबारियों को ही दिए गए हैं। सरकार यह दावा जरूर करती रही है कि जो कारोबार करेगा ,सरकार उसकी मदद करेगी। सरकार ने इसके लिए कई योजनाए भी चला रखी है लेकिन जब कोई आदमी लोन के लिए जाता है तो उसे वापस लौटना पड़ता है। गारंटी के तौर पर छोटे कारोबारियों के पास कुछ होता नहीं और बैंक लोन देता नहीं।