नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है. इस मरीज की कोई विदेशी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मरीज मिल चुके हैं. ये तीनों ही मरीज यूएई से लौटे थे और वहीं पर ये किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे.
दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज की हालत स्थिर है और वह ठीक हो रहा है. मरीज के संपर्क में आए 13 लोगों को 21 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया गया है. दुनिया भर में धीरे धीरे मंकीपॉक्स संक्रमण बढ़ रहा है और साथ ही इसके टीके के लिए भी अफरा-तफरी देखने को मिल रही है. यह बिमारी पहली बार 1970 के दशक में अफ्रीका में दिखाई दी थी और धीरे धीरे अब यह बीमारी फैल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को ऐलान किया कि यह बिमारी वाकई में रफ्तार पकड़ रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को ऐलान किया कि यह बिमारी वाकई में रफ्तार पकड़ रही है और इसे बतौर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (Global Health Emergency) घोषित कर दिया. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से एक गंभीर चेतावनी है. फिलहाल इस बिमारी ने 72 देशों में लगभग 16,000 लोगों को अपने गिरफ्त में ले लिया है. इसे मंकीपॉक्स इसलिए कहा गया है क्योंकि यह पहली बार एक बंदर में मिला था. मंकीपाक्स घातक चेचक वायरस से संबंधित है जिसे 1980 में समाप्त कर दिया गया था. मौजूदा समय में जो स्ट्रेन अफ्रिका के बाहर फैल रहा है वो दो ज्ञात वैरिएंट का हल्का रूप है.
मई 2022 में अफ्रीका से बाहर के देशों में मंकीपॉक्स मामलों की झड़ी लग गई. और ज्यादातर प्रभावित लोगों का अफ्रिकी देशों के साथ कोई ट्रैवेल लिंक (travel links) भी नहीं था. लेकिन एक खास बात ये थी कि मंकीपॉक्स से प्रभावित ज्यादातर समलैंगिक पुरुष हैं. यूरोप इस नए आउटब्रेक का केन्द्र है. 20 मई तक ब्रिटेन में 20 मामले दर्ज किए गए जिनमें ज्यादातर समलैंगिक पुरुष थे. इतना ही नहीं, 20 मई को WHO ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन सहित दुनिया भर में 80 पुष्ट मामलों की पहचान करता है.
ये भी पढ़ें- CoronaVirus Update: नहीं थम रहे कोरोना के बढ़ते आंकड़े, जानें कितने लोगों ने गंवाई जान ?
जून की शुरुआत में WHO के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) का कहना है कि डब्ल्यूएचओ को 29 देशों से मंकीपॉक्स के 1,000 से अधिक पुष्ट मामलों की जानकारी मिली है. और ये उन देशों से मिली है जहां वायरस आमतौर पर मौजूद नहीं है. 21 जून को, ब्रिटेन ने कई यौन साझेदारों वाले समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों को टीके लगाने की योजना की घोषणा की.
8 जुलाई को, फ्रांस में स्वास्थ्य अधिकारियों ने समलैंगिक पुरुषों, ट्रांस लोगों और यौनकर्मियों सहित जोखिम वाले लोगों के लिए प्री-इम्पेक्टिव जैब्स लॉन्च किए. 14 जुलाई को, यूएस सीडीसी कुछ 60 देशों में 11,000 से अधिक पुष्ट मामलों की रिपोर्ट करता है जहां आमतौर पर मंकीपॉक्स नहीं पाया जाता है. ज्यादातर मामले यूरोप, अमेरिका और कनाडा में हैं.