पाकिस्तान वो मुल्क है, जहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं है। पाकिस्तान को ‘आतंकिस्तान, भिखारिस्तान और कटोरारिस्तान’ के नाम से भी दुनिया में जाना जाता है। चूंकि पाकिस्तान की हरकत ही कुछ ऐसी है। पाकिस्तान आतंकियों को पालने का काम करता है। और उन्हीं में से एक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा भी है। जो कि दुनिया भर में आतंक फैलाने के लिए जाना जाता है। लेकिन अब उसका सरगना ही इस समय मुसीबत में है। आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सदस्यों में से एक आतंकवादी हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के बेहद करीबी मुफ्ती कैसर फारूक की कराची में “अज्ञात बंदूकधारियों” ने गोली मारकर हत्या कर दी है। जिन बंदूकधारियों ने हत्या की है, अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। ये वारदात सिंध प्रांत में हुई है।
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कैसे हुई हत्या?
आपको सिलसिवार तरीके से बताते हैं कि आखिर हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के बेहद करीबी मुफ्ती कैसर फारूक की हत्या कैसे हुई। दरअसल पाकिस्तान के कराची के सोहराब गोथ में पोर्ट कासिम की जामिया मस्जिद अबुबकर के इमाम मुफ्ती कैसर फारूक जब मस्जिद के पास पहुंचे, तभी वहां पर दो अज्ञात बाइक सवारों ने धुआंधार गोलियों की बौछार कर दी। जिसमें कि मुफ्ती कैसर फारूक की मौके पर ही मौत हो गई। ये भी बताया जा रहा है कि वह खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान के रहने वाले थे ।
तो वहीं दूसरी ओर कथित तौर पर अपहरण किए जाने के बाद हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के बेटे को लेकर अभी भी कुछ साफ नहीं हो पाया है। हाफिज़ सईद (Hafiz Saeed) का बेटा कमालुद्दीन सईद कहां है, क्या कर रहा है, ये पाकिस्तान के साथ साथ दुनिया के खतरनाक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा के लिए भी बड़ा सवाल बना हुआ है । हाफिज़ सईद के बेटे का अपहरण होने और फिर उसकी लाश मिलने के दावे पर अब तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है । माना जा रहा है कि ISIके संरक्षण में उसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है । हालांकि कमालुद्दीन की अफवाह के बाद कई जिहादी गुटों में बेचैनी है। हाल ही में कुछ लश्कर के सदस्यों की मौत के बाद ये बेचैनी और बढ़ गई है । कराची में पिछले दिनों लश्कर के संचालक मौलाना जियाउर रहमान की अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी । रहमान को एक पार्क में शाम को टहलते समय अज्ञात हमलावरों ने करीब से कई बार गोली मारी थी। जिसके बाद से ISI ने पाकिस्तान में एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों और उनके समर्थकों के सुरक्षित ठिकानों को बदल दिया।
हाफिज पर दोहरी मुसीबत
हाफिज़ सईद पर इस समय दोहरी मुसीबत है।एक तो बेटा गायब है और दूसरी सुरक्षा खतरे में है एक रिपोर्ट में कमालुद्दीन के भाई तल्हा के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है, जो भारत के खिलाफ अभियानों का नेतृत्व कर रहा है और लश्कर में सेकेंड-इन-कमांड की पोजीशन पर है ।
दरअसल, कमालुद्दीन के गायब होने के पीछे कई कहानियां कही जा रही हैं । दूसरे बेटे तल्हा के लश्कर पर कमांड रखने और संगठन के पैसे पर उसके नियंत्रण ने पुराने सदस्यों के बीच असंतोष को बढ़ावा दिया है। हाफ़िज़ सईद (Hafiz Saeed) भी बदले की कार्रवाई और बढ़ती आंतरिक कलह से परेशान है । इन चिंताओं को कम करने के लिए आईएसआई आतंकी संगठनों के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश कर रही है। लश्कर कमालुद्दीन के अपहरण और हत्या की बात को खारिज कर रहा है, लेकिन कमालुद्दीन कहां है, इसे लेकर कोई भी जवाब नहीं दे पा रहा है ।