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Monkeypox vaccine In India: भारत में फैल रहा Mpox, क्या है इस संक्रमण के लिए वैक्सीन? यहां जानें इससे जुड़े सभी जरूरी तथ्य

Mpox is spreading in India, what is the vaccine for this infection? Know here all the important facts related to this

भारत में मंकीपॉक्स (Mpox) के नए मामलों की पुष्टि के साथ ही यह संक्रमण एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। केरल में हाल ही में Mpox का मामला सामने आया है, जो भारत में इस संक्रमण का दूसरा मामला है। वैश्विक स्तर पर इस वायरस ने काफी चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, और अब इसकी दस्तक भारत में भी महसूस की जा रही है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि क्या भारत में इस संक्रमण से बचने के लिए कोई प्रभावी वैक्सीन मौजूद है? आइए, मंकीपॉक्स के लिए उपलब्ध टीके और इस वायरस से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को समझते हैं।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स, जिसे अब Mpox के नाम से जाना जाता है, एक दुर्लभ लेकिन गंभीर वायरल संक्रमण है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस चेचक (स्मॉलपॉक्स) की तरह ही है, लेकिन यह कम गंभीर माना जाता है। मंकीपॉक्स मुख्य रूप से जानवरों से मनुष्यों में फैलता है, लेकिन इसका मानव-से-मानव संचरण भी संभव है। यह वायरस छूने, संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने या श्वसन की बूंदों के जरिए फैल सकता है।

भारत में Mpox के मामले

भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला जुलाई 2022 में सामने आया था। इसके बाद, हाल ही में केरल में एक और नए मामले की पुष्टि हुई है। यह दूसरा मामला है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत में भी यह संक्रमण पैर पसार रहा है। इस बढ़ते संक्रमण ने सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया है, और लोगों के बीच भी इसे लेकर चिंता बढ़ रही है।

क्या मंकीपॉक्स के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है?

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वैक्सीन को एक प्रभावी उपाय माना जा रहा है। मंकीपॉक्स वायरस के लिए अभी तक कोई खासतौर से विकसित वैक्सीन नहीं है, लेकिन चेचक (स्मॉलपॉक्स) के लिए दी जाने वाली वैक्सीन मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रभावी साबित हो सकती है। चेचक और मंकीपॉक्स दोनों वायरस ओर्थोपॉक्सवायरस (Orthopoxvirus) परिवार के हैं, इसलिए चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करती है।

भारत में मंकीपॉक्स के लिए उपलब्ध वैक्सीन

भारत में फिलहाल मंकीपॉक्स के लिए कोई खासतौर से निर्मित वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन चेचक के लिए पहले से मौजूद वैक्सीन इसके खिलाफ प्रभावी मानी जा रही है।

JYNNEOS वैक्सीन: मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वर्तमान में JYNNEOS नामक वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह वैक्सीन अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा मंकीपॉक्स और चेचक दोनों के लिए मंजूरी दी गई है। इस वैक्सीन को खासकर उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों और हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए सुझाया जा रहा है।

ACAM2000 वैक्सीन: यह वैक्सीन भी चेचक के लिए दी जाती है और मंकीपॉक्स के खिलाफ उपयोगी मानी जाती है। हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इसलिए इसे सीमित उपयोग के लिए ही सुझाया जाता है।

भारत में टीकाकरण की स्थिति

भारत में फिलहाल मंकीपॉक्स के लिए कोई व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं किया गया है, क्योंकि यहां इस वायरस के मामले अभी सीमित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियां इस पर नज़र रख रही हैं और स्थिति के अनुसार उचित कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल, मंकीपॉक्स के मामलों के लिए उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को निगरानी में रखा जा रहा है, और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है।

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सावधानियां

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वैक्सीन के अलावा, कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी हैं। इस वायरस के फैलने के खतरे को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें: संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोएं और साफ-सुथरी जगहों पर रहें।
  • संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: मंकीपॉक्स के मरीजों से सीधे संपर्क में आने से बचें और अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • सुरक्षित शारीरिक संपर्क: जानवरों या इंसानों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, खासकर उन लोगों से जो बीमार हैं या जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
  • सुरक्षा उपकरणों का उपयोग: हेल्थकेयर वर्कर्स और अन्य जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क और दस्ताने का उपयोग करना चाहिए।

सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों की तैयारी

भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय मंकीपॉक्स के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से सतर्क हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग बढ़ा दी गई है, और संक्रमित लोगों को आइसोलेट करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, संभावित मामलों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।

Mansi Negi

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