Mumbai Attack Accused: मुंबई हमले के आतंकी तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत, अमेरिकी SC ने दी प्रत्यर्पण को मंजूरी
मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत लाया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। इस प्रत्यर्पण के लिए भारत को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। अमेरिकी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है।
Mumbai Attack Accused: 2008 के मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने का रास्ता अब साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सजा के खिलाफ उसकी याचिका खारिज कर दी। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में वांछित है। राणा को देश वापस लाने के लिए भारत को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। इसके अलावा उसे कई अदालतों के फैसलों का भी इंतजार करना पड़ा।
अमेरिकी अदालत का यह फैसला अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई संघीय अदालतों में पिछली लड़ाई हारने के बाद आया है। राणा को फिलहाल लॉस एंजिल्स में हिरासत में रखा गया है और वह प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहा है।
पिछले साल अमेरिकी सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध का समर्थन किया था। 13 नवंबर को राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सर्टिओरी रिट के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
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2008 में क्या हुआ था?
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। यह हमला लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ताज महल होटल पैलेस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और सेंट जेवियर्स कॉलेज पर किया गया था। जिसमें 6 अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
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भारत ने प्रत्यर्पण के लिए लंबी लड़ाई लड़ी
भारत सरकार लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है और इसके लिए कई तरह से प्रयास भी कर रही है। इसके पीछे मकसद मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को न्याय दिलाना था। मई 2023 में कैलिफोर्निया की एक अमेरिकी जिला अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। लेकिन उसकी कानूनी टीम ने इस फैसले के खिलाफ अपील जारी रखी। भारत ने राणा पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए थे।
हालांकि, मुंबई हमलों के लिए अमेरिका में उसके खिलाफ पहले ही मामला दर्ज हो चुका है। जिसमें उसे बरी कर दिया गया है। अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि अमेरिका में मुंबई हमलों के आरोपों में राणा को बरी किए जाने से भारत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक नहीं लगती।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है, राणा और उसका परिवार 1990 में कनाडा चला गया था। तब से वे वहीं के निवासी हैं, यही वजह है कि उसके पास कनाडा की नागरिकता है। कनाडा के बाद राणा शिकागो में रहने लगा, जहाँ उसने एक कंपनी में काम भी किया।
राणा का नाम पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है, जो 26/11 मुंबई हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड है। 2009 में, राणा को हेडली और लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने के आरोप में अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।
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क्या आरोप है राणा पर?
राणा 2008 के मुंबई हमलों में डेविड हेडली के साथ शामिल था, जो लश्कर-ए-तैयबा की ओर से काम कर रहा था। राणा उस समय भारत में इमिग्रेशन कंसल्टेंट के तौर पर भी काम कर रहा था। हेडली का समर्थन करने के अलावा राणा पर कई और आरोप भी हैं। उसने अखबार पर सिर्फ़ इसलिए हमला किया था क्योंकि उसने एक कार्टून छापा था।
मुंबई पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, राणा आतंकियों को हमले की जगह और भारत आने के बाद कहां ठहरना है, यह बताने में मदद कर रहा था। राणा ने ही हमले की योजना तैयार की थी।
राणा पर 2011 में मुकदमा चलाया गया था
राणा पर पहली बार 2011 में मुकदमा चलाया गया था। यह मामला उसके खिलाफ डेनमार्क के एक अखबार पर हमला करने के आरोप में दर्ज किया गया था। उस समय कोर्ट ने उसे मुंबई हमलों के मामले में बरी कर दिया था। कोर्ट ने उसे डेनमार्क के अखबार पर हमला करने के आरोप में 14 साल की सजा सुनाई थी।
राणा के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि हेडली ने राणा को बिना कुछ बताए उसकी मदद ली थी। राणा को हमले के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं थी। हालांकि, हेडली ने राणा के खिलाफ एक याचिका समझौते के तहत गवाही दी, जिससे उसे मौत की सजा से बचने में मदद मिली।
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