Mumbai Meeting: मुंबई में नेताओं की जमघट बढ़ी हुई है। एक से बढ़कर एक नेता पहुंचे हैं। मुंबई कोई एक शहर ही नहीं है। यह मायानगरी भी है। यहां सब कुछ माया ही तो है। मायावी संसार के क्या कहने! कितने युवा और युवतियां यहां अपना भविष्य देखने आते हैं। लड़ते हैं, भिड़ते हैं, गिरते हैं उठते हैं। कुछ पाते है तो कुछ खोते हैं और एक दिन सफल होते हैं या फिर गर्त में चले जाते हैं। यह मायानगरी सबकी है और किसी की नहीं। यह सबको देती भी है और लेती भी है। गजब का खेल है। यहां राजनीति भी खूब होती है। राजनीतिक शतरंज के मोहरे यहां खूब बिछते हैं। एक से बढ़कर एक नेता हैं। तरह-तरह की पार्टियां हैं। ऐसी पार्टियां भी हैं जिसकी कभी टूटी बोलती थी। उस पार्टी के नायक ठाकरे साहेब जब एक बार कोई ऐलान कर देते थे तो केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें हिल जाती थी। मुंबई बंद हो जाती थी और मुंबई को अगर नहीं संभाला गया तो वह सब हो जाता था जो नहीं होना चाहिए। लेकिन वह पार्टी अब बंटवारे की शिकार हो चुकी है।
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शिवसेना में बंटवारा होगा यह कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। लेकिन हुआ। शरद पवार की पार्टी एनसीपी भी बंट गई। चाचा-भतीजा के बीच कौन सा रसायन वाला खेल चल रहा है यह कोई नहीं जान सका। भतीजा दो महीने पहले बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए और चाचा हर रोज भतीजे को आशीर्वाद देने पहुंच जाते हैं। एनसीपी में दो गुट हो गए हैं लेकिन शरद पवार को अब भी यकीन है कि उनका एनसीपी एक है और उनके भतीजे उनकी राह पर ही चल रहे हैं। राजनीति की यह गवाही भी यही देश है। भूतो न भविष्यति !
मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक जारी है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक की पार्टियां मुंबई में पहुंची हुई है आज रणनीतिक बैठक कर रही है। रात में रात्रि भोज का आयोजन हुआ और चुनावी खेल पर खूब चर्चा भी हुई। आज उन तमाम बातों का निचोड़ निकलना है। इंडिया का लोगो का ऐलान होगा। हर राज्य में सीटों का बंटवारा कैसे होगा और किस राज्य में कौन इंडिया को लीड करेगा यह सब आज खुलेगा। इंडिया का संचालन कैसे होगा। दिल्ली में इसके दफ्तर कहां बनेंगे। दफ्तर में कितने आदमी की जरूरत होगी? इंडिया का कोई संयोजक होगा या नहीं ? इन सभी बातों पर चर्चा होगी और फिर सब कुछ प्रेस के सामने रख दिया जायेगा। कुछ भी हिडेन नहीं है। जो है सो साफ़ है। जानकारी के मुताबिक आज की बैठक में क्षेत्रीय स्तर पर भी समितियां बनाने की बात हो रही है। ये समितियां संयोजक और 11 सदस्यीय समिति की देखरेख में काम करेगी। इन समितियों को काफी पावर भी दिया जायेगा। इस समिति में काफी अनुभवी लोग होंगे जिनके राजनीतिक सरोकार तो होंगे ही साथ ही जो देश को भी जानते हैं, ऐसे लोगों का भी चुनाव होना है।
आज इंडिया वालों का जमघट है। कल कम लोग ही आपस में मिले थे। कल की बैठक में खड़गे, सोनिया गांधी, नीतीश कुमार समेत 6 राज्यों के सीएम और 28 पार्टियों के 60 से ज्यादा नेताओं की बैठक हुई थी। गहन चर्चा भी हुई और कई बातों को साफ़ भी किया गया। और आज स्टालिन, हेमंत, केजरीवाल, भगवंत मान और अखिलेश यादव भी बैठक में शामिल रहेंगे। कहा जा रहा है कि बीजेपी के सामने एक बड़ी लकीर खींचने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इन बैठकों के बीच मोदी सरकार ने 18 तारीख से पांच दिनों के लिए जो विशेष संसद सत्र का ऐलान किया है वह सबके माथे पर चिंता की रेखा को खड़ा कर दिया है। आखिर क्या होना? सरकार का क्या इरादा है?
कुछ न कुछ खेला तो होना है। बीजेपी वैसे हार कहां मानती? कहा जा रहा है कि महिला आरक्षण बिल को पास किया जा सकता है। जो पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगा उसे जनता के सामने बदनाम भी किया जा सकता है। लोग यह भी कह रहे हैं कि जाति गणना की काट के रूप में बीजेपी इसका इस्तेमाल कर सकती है। एक देश एक चुनाव, यूसीसी जैसे मामलों पर भी चर्चा हो सकती है। चीन का मामला भी उठ जाये इस पर किसी को कोई ऐतराज नहीं।