Darul Uloom Bans Women Entry: मुस्लिम धर्म गुरु ने दारुल उलूम के फरमान को सही बताया
Darul Uloom Bans Women Entry: सहारनपुर देवबन्द दारुल उलम द्वारा महिलाओ की दारूल उलम और वहा की लाइब्रेरी मे एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। या यूं कहे की महिलाओं के लिए फरमान जारी कर दिया है। जिसपर अपनी प्रति किर्या देते हुवे सहारनपुर के इमाम कारी इसहाक गोरा ने स्त्रियों पर दारुल उलूम प्रवेश को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा की मदरसा हो स्कूल हो यूनिवर्सिटी हो कोई भी शिक्षण संस्थान हो उन्हें अपना फैसला लेने का पूरा अधिकार हैं।
बहुत दिनों से शिकायत आ रही थी कि दारुल उलूम देवबंद में वहाँ पर लडकिया और महिलाए रील बना रही हैं। इससे एक अजीब केफीयत सामने आ रही थी। देस विदेश से भी शिकायत आ रही थी। इन तमाम चीजो को देखकर दारुल उलूम के इंतजामिया ने जो फैसला लिया है की, दारुल उलूम में महिलाए नही आएगी, में समझता हूं उसमे किसी को कोई परहेज नही होना चाहिए।
इस दारुल उलूम के आदेश को स्वीकार करना चाहिए। इसपर कोई किसी तरह का सवाल न करे इसको सभी ने स्वीकार किया है। और इस पर कोई सावलिए निशान न उठाये दारूल उलूम में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध पर विकास त्यागी ने कहा कि, ये तुगलकी फरमान है। यह कोई सीरिया और अफगानिस्तान नही, यह भारत है जो संविधान से चलता है। अगर मक्का में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध नही है, तो दारूल उलूम में क्यों?
सरकार तुरंत ले इसका संज्ञान
बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने एक बयान जारी करके दारूल उलूम के उस आदेश की आलोचना की है। जिसमें दारूल उलूम ने महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। विकास त्यागी ने इस प्रतिबंध को तुगलकी फरमान बताते हुऐ कहा है कि जिस प्रकार सीरिया, अफगानिस्तान व पाकिस्तान में महिलाओं पर अनेको अनेक प्रतिबंध थोपे जाते है। उसी प्रकार दारूल उलूम का भी यहा तुगलकी फरमान हैं।
विकास त्यागी ने कहा है की मक्का मदिना में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध नही है। तो दारुलउलूम में क्यो है। दारूल उलूम को यहा समझना चाहिए की यहा सीरिया या आफगानिस्तान नही है बल्कि भारत है। जहा संविधान में महिलाओं को पुरुषों से ऊपर अधिकार दिया गया है। इसलिए सरकार को तुरंत संज्ञान लेते हुए दारूल उलूम पर कार्यवाही करनी चाहिए।