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BJP: गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल विदेश में कई अवांछित कारोबारियों से मिलते हैं ,क्या जांच  एजेंसियां गुलाम से पूछताछ करेगी ?

पिछले दिनों कांग्रेस से बाहर निकले और अपनी पार्टी बनाकर बीजेपी के प्रति नम्र दिखने वाले गुलाम नबी आजाद ने राहुल गाँधी पर आरोप लगाया कि वे जब भी विदेश जाते हैं तो कई अवांछित कारोबारियों से मिलते हैं। गुलाम के इस बयान के बाद बीजेपी कांग्रेस और राहुल पर हमलावर है। अब बीजेपी सवाल कर रही है कि राहुल बताये कि वे किस अवांछित कारोबारियों से मिलते हैं ? बीजेपी का यह हमला राहुल गांधी के उस सवाल के जवाब में माना जा रहा है कि राहुल लगातार मोदी और अडानी के रिश्ते की बात करते हैं। राहुल लगातार सवाल कर रहे हैं कि अडानी की कंपनी में 20 हजार करोड़ की राशि किसके हैं ?

यह खेल काफी मनोरंजक है। बीजेपी अभी तक अडानी और मोदी के रिश्ते को लेकर बैक फुट पर चल रही थी लेकिन अब जैसे ही गुलाम नबी आजाद ने अवांछित कारोबारियों से राहुल के मिलने की बात कही है बीजेपी फ्रंट फुट पर खेल रही है। कांग्रेस अभी इस मामले पर मौन है। गुलाम ने हालांकि यह भी कहा है कि वे दर्जन भर से ज्यादा ऐसे कारोबारियों को जानते हैं जिनसे राहुल गाँधी मिलते रहे हैं। हालांकि गुलाम ने किसी का नाम नहीं लिया है। लेकिन बीजेपी को एक अस्त्र मिल गया है।

अब सवाल है कि अगर राहुल गांधी विदेश जाकर किसी अवांछित कारोबारियों से मिलते हैं तो उसका खुलासा तो होना चाहिए। इस बात की जांच तो होनी चाहिए कि विदेश में बैठा कोई कारोबारी भारत के खिलाफ क्या षड्यंत्र कर रहा है ? जांच एजेंसियों को इसकी जांच तो करनी चाहिए। जांच एजेंसियों को गुलाम नबी आजाद से पूछताछ तो करनी चाहिए ताकि उन अवांछित कारोबारियों के बारे में सच का पता लग सके। लेकिन जांच एजेंसियां अभी तक मौन है ? आखिर क्यों ? जांच से ही पता चल सकता है कि राहुल जिन कारोबारियों से मिलते हैं वे भारत के खिलाफ हैं क्योंकि जब -जब राहुल विदेश से भारत लौटते हैं तो बीजेपी पर आक्रमण तेजी से करते हैं और बीजेपी चित हो जाती है। ऐसे में उन अवांछित कारोबारियों का खुलासा देश हित में जरुरी हो जाता है। सवाल है कि मोदी सरकार जांच एजेंसियों को कह सकती है कि वह गुलाम से इस बावत सवाल पूछे और सही बात का पता करे ?

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दरअसल गुलाम ने नेहरू गांधी परिवार के लोगों के कारोबारियों से मिलने की बात कही है। किसी कारोबारी से नेताओं की मुलाकात को गलत नहीं माना जा सकता लेकिन अगर कोई अवांछित कारोबारी है तो उसकी जांच होनी चाहिए। अवांछित कारोबारी कारोबारी का मतलब क्या है ? ऐसे कारोबारी जो भारत के खिलाफ विदेश में रणनीति बनाते हैं और देश को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में इसकी जांच तो होनी चाहिए। क्योंकि इसकी जांच नहीं गई तो हो सकता है कि भविष्य में कोई बड़ा खेल भारत में अवांछित कारोबारी कर जाए। ऐसे में अब सबसे अहम् बात तो यही है कि अवांछित कारोबारी को  जाए ताकि देश को सुरक्षित किया जा सके। बीजेपी भी कह रह रही है कि राहुल जब भी विदेश से लौटते हैं तो मोदी सरकार पर हमला करते हैं ऐसे में शक की सुई तो बढ़ ही जाती है। जांच एजेंसियों को तुतंत गुलाम से बात  करनी चाहिए और उन कारोबारियों की सूची लेनी चाहिए जो मोदी सरकार के खिलाफ राहुल को सलाह देते हैं। यह समय की मांग है कि इस मामले की जांच की जाए ताकि देश हित में कोई बाधा नहीं आये।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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