आज मजदूर दिवस को बीजेपी को लगा झटका , बड़े आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने थमा कांग्रेस का हाथ
MADHYA PADESH POLITICS: बीजेपी को झटका पर झटका लगते जा रहा है। मध्यप्रदेश की राजनीति में बीजेपी को आगे बढ़ाने वाले बड़े आदिवासी नेता नंद कुमार साय आज मजदूर दिवस पर बीजेपी से नकल कर कांग्रेस का दमन थाम लिया। मध्यप्रदेश की राजनीति में साय ने बीजेपी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। बाद में राज्य बंटवारे के बाद साय छत्तीसगढ़ की राजनीति करने लगे। रायपुर में आज कांग्रेस में शामिल होते हुए साय ने कहा कि बीजेपी अब अटल जी वाली नहीं रही। यह दो लोगों की पार्टी हो गई है और इस पार्टी का भविष्य बहुत ठीक नहीं। साय ने आज रायपुर कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
उधर साय के आने से कांग्रेस के लोग काफी खुश हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि साय गरीबो के नेता हैं। गरीबो और आदिवासी समाज के लिए वे हमेशा संघर्ष करते रहे हैं। फिर साय ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनका यह निर्णय उनके जीवन का सबसे बड़ा निर्णय है। जनसंघ के समय से हीं वे बीजेपी के साथ थे। उन्होंने कहा कि वे अटल जी और आडवाणी जी के साथ काम किया है लेकिन आज बीजेपी बदल गई है। यह दो लोगों की पार्टी हो गई है और बीजेपी के भीतर निराशा का माहौल है। आगे इस पार्टी का क्या होगा कहा नहीं जा सकता।
साय ने बघेल की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि हम कहते थे कि देश से हमारा नाता है और गाय हमारी माता है। लेकिन भूपेश बघेल ने इसे नया रूप दे दिया है। नरवा ,गरवा और धुर्वा बारी योजना जनता के लिए कारगर साबित हुई है। उन्होंने कहा कि यह भी अच्छा लगता है कि बघेल सरकार ने राम गमन पथ को बनाया है। मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार अच्छा काम कर रही है। अब हम सब मिलकर बेहतर काम करेंगे और प्रदेश को आगे बढ़ाएंगे।
बता दें कि नंद कुमार साय तीन बार सांसद और तीनबार विधायक भी रह चुके हैं। वे आदिवासी के बड़े नेता रहे हैं। इसके साथ ही साय राष्ट्रीय आदिवासी आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में उनकी काही अहम् भूमिका रही है। आदिवासी ने उनपर गर्व करते रहे हैं। कई दूसरे राज्यों के आदिवासी भी साय को अपना नेता मानते रहे हैं। वे मध्य प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि साय ने रविवार को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा के बाद कई बीजेपी नेता उनसे मिलने गए लेकिन उन्होंने किसी से बातचीत नहीं की। आज साय के कांग्रेस में जाने से बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। बीजेपी के कई नेता भी कह रहे हैं कि आदिवासी समाज में अब बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है।