नई दिल्ली: कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 1988 को ‘रोड रेज’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक साल कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि शुक्रवार 20 मई का दिन कई मामलों में काफी अहम है. जहां एक तरफ ज्ञानवापी मामले में सुनावाई होनी है. वहीं दूसरी तरफ आज़म खान की भी आज रिहाई होने वाली है.
नवजोत सिंह सिद्धू को आज पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना था. सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वास्थ्य कारणों से समर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय देने का अनुरोध किया है. इस पर जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच ने कहा कि सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस एन वी रमना से अनुरोध करें. चीफ जस्टिस ने इस मामले में मेंशनिंग सुनने से मना कर दिया है. ऐसे में याचिका में सुनावाई होने की उम्मीद कम है.
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दरअसल, ये मामला 27 दिंसबर,1988 शाम की है, जब सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे. ये जगह उनके घर से 1.5 किलोमीटर दूर है. उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे. और उनका ये कैरियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था. सिद्धू और उनके सहयोगी रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे. उस समय गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे. इसी मार्केट के पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई. बात हाथापाई तक जा पहुंची. सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया. उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.