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NEET UG 2024: पेपर लीक घोटाले के बाद नीट री-एग्जाम, रैंकिंग में 25-35 स्थानों का अंतर

जून को अचानक घोषित हुए नीट परीक्षा (NEET Exam) के रिजल्ट(Result) ने सबको हैरान कर दिया था। रिजल्ट घोषित होने के बाद कई सारे बड़े बदलाव सामने आए थे ,जिसमें नीट के पेपर लीक होने का खुलासा भी हुआ था। NEET exam के ग्रेस मार्क्स वाले उम्मीदवारों का री-एग्जाम होने के बाद सभी के मन में यह सवाल था कि क्या नई मेरिट लिस्ट में उनकी रैंक में बदलाव आ सकता है। री-एग्जाम के परिणाम घोषित होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कई उम्मीदवारों की रैंक में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। परीक्षा बोर्ड ने बताया कि री-एग्जाम का उद्देश्य केवल योग्यता के आधार पर सही रैंकिंग सुनिश्चित करना था। इस नई मेरिट लिस्ट के जारी होने के बाद उम्मीदवारों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई छात्रों की रैंक में सुधार हुआ है, जबकि कुछ की रैंक में गिरावट आई है। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि नई मेरिट लिस्ट पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत तैयार की गई है। अब छात्रों को अपनी नई रैंकिंग के आधार पर आगे की प्रवेश प्रक्रियाओं में शामिल होना होगा।

4 जून को नीट यूजी के नतीजे आने के बाद ग्रेस मार्क्स को लेकर छात्र एनटीए पर नाराज थे। एनटीए ने फैसला किया कि जिन 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनकी परीक्षा फिर से होगी। सबके मन में यह सवाल था कि क्या इससे रैंक में बदलाव होगा।

Result में बदलाव,पर रैंक में कोई प्रभाव नहीं:

सोमवार को नीट यूजी 2024 के परिणाम जारी होने के बाद पता चला कि ग्रेस मार्क्स वाले उम्मीदवारों के परिणाम में कुछ बदलाव आया है, लेकिन रैंक पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।

सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा सेंटर से 720 अंक पाने वाले 6 उम्मीदवारों में से केवल 5 ने दोबारा परीक्षा दी थी। टॉपर्स की सूची में अब 61 उम्मीदवार हैं, जबकि पहले 67 थे। री-एग्जाम में हरियाणा सेंटर के 5 उम्मीदवारों में से किसी ने भी 720 अंक नहीं प्राप्त किए। ज्यादातर को 670-680 अंक मिले हैं।

ग्रेस मार्क्स ने कुछ छात्रों के अंकों को प्रभावित किया। जैसे नीट छात्रा विशाखा के पिछले स्कोर कार्ड में ग्रेस मार्क्स के साथ 719 अंक थे, लेकिन री-एग्जाम के बाद उनके स्कोर कार्ड में 620 अंक आए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता और चिकित्सा मामलों के विशेषज्ञ डॉ. विवेक पांडे ने कहा कि कुल मिलाकर रैंक में मुश्किल से 25-35 स्थान का बदलाव हुआ है। स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। मैंने पहले कहा था कि ग्रेस मार्क्स रैंक को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करेंगे और अब यह स्पष्ट है। मुख्य मुद्दा अभी भी नीट पेपर लीक घोटाले और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द है। जब तक इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। इस भ्रष्टाचार के कारण हमने इस साल पांच बार रैंक में बदलाव देखा है।

कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के केशव अग्रवाल ने कहा कि पिछले और वर्तमान रैंक के बीच का अंतर स्कोर डेटा से देखा जा सकता है। पिछले साल 29724 रैंक पाने वाले का स्कोर 650 था, जबकि इस साल 650 स्कोर करने वालों की संशोधित रैंक 29690 है, जिसमें 34 रैंक का अंतर है। एनटीए के डेटा के अनुसार, चंडीगढ़ के दो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं हुए। छत्तीसगढ़ से 602 में से 291, गुजरात से 1, हरियाणा से 494 में से 287 और मेघालय के तुरा क्षेत्र से 234 छात्र री-एग्जाम में शामिल हुए थे।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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