Latest News Inflation Decreased in India! महंगाई के मोर्च पर अच्छी खबर आई है। आम आदमी को महंगाई से थोड़ी राहत मिली है। अक्टूबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर घटने से रिटेल महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम गिरने से अक्टूबर महीने में रिटेल इनफ्लेशन घटकर 4 महीनों के निचले स्तर 5.02% पर आ गई। यह अगस्त महीने में 6.83% थी।
अक्टूबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर घटकर 3.39% रह गई, जो अगस्त में 26.14% थी। इस तरह रिटेल इनफ्लेशन जून, 2023 के बाद अक्टूबर में सबसे कम रही है। जून में यह 4.87 % रही थी। सितंबर में फूड इनफ्लेशन 6.56% रही जो अगस्त में 9.94% थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की बात करें तो सितंबर महीने में रिटेल महंगाई दर क्रमशः 5.33% और 4.65% रही। औद्योगिक उत्पादन में अगस्ते में 10.3% की ग्रोथ रेट दहाई अंकों में आ गई है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की आईआईपी दर 9.3% और माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 12.3% रही है। इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ भी अगस्त में 15.3% पर आ गई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPIḤ) पर आधारित इन्फ्लेशन 5.02% रही। एक साल पहले सितंबर में यह 7.41% थी। इस तरह रिटेल इनफ्लेशन जून, 2023 के बाद सितंबर में सबसे कम रही है। जून में यह 4.87 % रही थी। सितंबर में फूड इनफ्लेशन 6.56% रही जो अगस्त में 9.94 % थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की बात करें तो सितंबर महीने में रिटेल महंगाई दर क्रमशः 5.33 % और 4.65 % रही।
सितंबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर घटकर 3.39 % रह गई, जो अगस्त में 26.14 % थी। सितंबर महीने में अनाज की महंगाई दर 10.95% रही। आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में खाने पीने की वस्तुओं की कीमतें घटने से फूड इन्फ्लेशन 6.56 % पर आ गई। अगस्त में यह 9.94 % रही थी।
औद्योगिक उत्पादन 14 महीने की ऊंचाई पर
अगस्त के महीने में देश के इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन सूचकांक (IIP) की ग्रोथ रेट दहाई अंकों में आ गई है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 10.3% का इजाफा हुआ। एक साल पहले इसी महीने में इसमें 0.7% की गिरावट दर्ज की गई थी। देश के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार एक बार फिर से बढ़ी है। ये 14 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है। NSO की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई के संशोधित IIP ग्रोथ 6.0% के मुकाबले अगस्तर में IIP ग्रोथ 10.3% दर्ज की गई है। यानी मंथ ऑन मंथ (MoM) आधार पर ग्रोथ में 4.3% बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सेक्टनर वाइज आंकड़ों पर नजर डालें तो अगस्तह 2022 की तुलना में अगस्तज 2023 के आंकड़े काफी बेहतर हैं। वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती महीनों में लगातार बढ़ोतरी के बाद जून में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार कम पड़ गई थी। मई के 5.3% ग्रोथ के मुकाबले जून में IIP गिरकर 3.8% पर आ गया था। जून के बाद जुलाई और अब अगस्तग में एक बार फिर से IIP ग्रोथ के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि इस साल मई में IIP ग्रोथ 5.3% और अप्रैल में 4.2% थी. वहीं मार्च में IIP का आंकड़ा 1.7%, फरवरी में 5.78% था, जबकि जनवरी में ये आंकड़ा 5.5% रहा था।
मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग में बेहतर प्रदर्शन
मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से देश में औद्योगिक उत्पादन अगस्त महीने में शानदार रहा है। अगस्त में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की आईआईपी दर 9.3 % पर रही है। जुलाई में इसकी आईआईपी दर 4.6 % पर रही थी। अगस्त 2023 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ बढ़कर 12.3 % पर आई है जो कि जुलाई में 10.7 % पर थी।
इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ में इजाफा
इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ में भी अगस्त में अच्छा इजाफा देखा गया है और ये 15.3 % पर आ गई है। जुलाई 2023 में ये 8 % पर रही थी। प्राइमरी गुड्स की आईआईपी दर बढ़कर 12.4 % पर रही है जो कि इससे पिछले महीने जुलाई में 7.6 % पर रही थी।
साल दर साल बढ़ोतरी
माइनिंग आउटपुट ग्रोथ -3.9% से बढ़ कर 12.3%
मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ -0.5% से बढ़ कर 9.3%
इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 1.4% से बढ़ कर 15.3%
इंडस्ट्रियल आउटपुट
प्राइमरी गुड्स का उत्पादन: 12.4%.
कैपिटल गुड्स का उत्पादन: 12.6%
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन: 5.7%
कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स का उत्पादन: 9.0%