नई दिल्ली: हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हिन्दू धर्म में करवा चौथ के रूप में मनाने का प्रावधान है। इस दिन प्रत्येक सुहागन महिला (Karwa Chauth) अपने पति की लम्बी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए निर्जल व्रत करती है और रात में चाँद अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथ से पानी पी कर व्रत खोलती है। मान्यता है की इस व्रत को करने से पति की आयु लम्बी होती है और स्त्री को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल अखण्ड सौभाग्य (Karwa Chauth) का ये पर्व 13 ऑक्टूबर को मनाया जाएगा। इस साल करवा चौथ पर कई शुभ संयोग बन रहे है ऐसे में शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से व्रत के शुभ फल की प्राप्ति अवश्य होगी।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
अमृत काल: शाम 04 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजकर 17 मिनट से शाम 07 बजकर 31 मिनट
पूजा की कुल अवधि: 01 घंटा 42 मिनट की है।
करवा चौथ चन्द्रोदय: रात 08 बजकर 09 मिनट पर।
इन गलतियों से रहें दूर
- करवा चौथ के व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं (Karwa Chauth) सफ़ेद वस्तुओं जैसे सफेद कपड़े, चावल, दूध और सफेद मिठाई आदि चीजों का दान नहीं करना चाहिए। इस दिन व्रती को सफेद रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिएस। इस दिन ऐसी चीजों का दान करना या सफ़ेद कपडे पहनना सुहाग के लिए अशुभ माना जाता है और इससे व्रत का शुभ फल भी प्राप्त नहीं होता है।
- करवा चौथ व्रत के दिन महिलाओं को भूलकर भी काले रंग के कपड़ेनहीं पहनने चाहिए। वैसे भी हिन्दू धर्म में पूजा पाठ के समय काले रंग के कपडे पहनना वर्जित माना गया है।
- करवा चौथ के दिन व्रती स्त्री को शांत रहना चाहिए। किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए ना ही किसी का अपमान करना चाहिए।
गलती से खाने पर करें ये उपाय
- सबसे पहले स्नान करे, फिर सभी देवी-देवताओं से क्षमा मांग लें। इस व्रत में भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। सभी देवी- देवताओं से अपनी भूल के लिए माफी मांगे।
- भगवान से माफी मांगने के बाद पूरे विधि- विधान से पूजा करे।
- रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले चंद्रमा से माफी मांग लें और फिर पूजा करे।
- आप अपनी सामर्थ्य अनुसार किसी सुहागिन स्त्री को दान मे भी दे सकती हैं। इस व्रत में दान का विशेष महत्व माना गया है। सच्चे मन से माफ़ी मांगने पर करवा माता आपको क्षमा अवश्य कर देंगी और आपको आपके व्रत-पूजन का शुभ फल अवश्य देंगी।