UP News: सपा की बड़ी घोषणा के बीच अमेठी और रायबरेली को लेकर कांग्रेस की परेशानी बढ़ी
UP News: आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी सभी 80 सीटो पर अपना उम्मीदवार उतारेगी ।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसकी मुनादी कर दी है। सपा के इस ऐलान के बाद सबसे ज्यादा कांग्रेस परेशान है। कांग्रेस को लग रहा है कि अगर अमेठी और रायबरेली में भी सपा चुनाव लड़ती है तो गांधी परिवार का यह किला भी ढह जाएगा ।पिछले चुनाव में अमेठी वैसे भी कांग्रेस के हाथ से जा चुका है ।वहां स्मृति ईरानी ने पिछले चुनाव में राहुल को हराया था।
सपा के ऐलान के बाद साफ हो गया है कि अखिलेश यादव अब कांग्रेस के साथ कोई रहम करने को तैयार नहीं है।अब तक सपा कांग्रेस की इन दोनो सीट पर उम्मीदवार खड़ा नही करती रही है। यह खेल मुलायम सिंह यादव के समय से ही होता रहा है ।लेकिन अब अखिलेश के ऐलान के बाद कांग्रेस में खलबली है।
अमेठी से इस बार राहुल लड़ेंगे या नहीं इसका खुलासा कांग्रेस ने अभी तक नही किया है। उधर रायबरेली को लेकर भी असमंजस की स्थिति है ।कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को देखते हुए इस बार रायबरेली से प्रियंका मैदान में उतर सकती है ।ऐसा हो भी सकता है लेकिन सपा अगर मैदान में आएगी तो प्रियंका को मुश्किल भी बढ़ सकती है ।हालाकि प्रियंका और अखिलेश के बीच राजनीतिक सरोकार काफी मजबूत रहे है लेकिन राजनीति में कोई किसी का स्थाई दोस्त तो होता नहीं ।ऐसे में रायबरेली सीट भी कांग्रेस के लिए चुनौती भरा हो सकता है।
प्रदेश में कांग्रेस की एक मात्र विधायक अराधना मिश्र ने कहा है कि सपा की घोषणा सभी सीटो पर चुनाव लडने को है इसमें कोई आश्चर्य की बात नही है। कोई भी पार्टी अपना निर्णय लेने को स्वतंत्र है। लेकिन कांग्रेस अपना चुनाव लडेगी।
मिश्र ने यह भी कहा कि अभी चुनाव में एक साल का समय है। विपक्षी एकता चाहते है। सबक यही मंशा भी है। आगे देखते हैं की सपा क्या कुछ करती है।
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उधर एक खबर यह भी आ रही है कि सपा वरुण गांधी को अमेठी से उतर सकते हैं ।सपा को लगता है कि वरुण का सहयोग कांग्रेस भी करेगी और फिर दोनो के सहयोग से बीजेपी को हराया जा सकता है ।उधर वरुण गांधी अभी भले ही बीजेपी में है लेकिन इसकी संभावना कम ही है कि बीजेपी इस बार उन्हें टिकट देगी। वरुण लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं ।कहा जा रहा है कि वरुण भले ही किसी पार्टी में न जाए लेकिन कांग्रेस और सपा के संयुक्त उम्मीदवार वे बन सकते हैं । और ऐसा हुआ तो ईरानी की मुश्किलें भी बढ़ेगी
उधर सपा ने एक और बात कही है। सपा ने कहा है कि अगर देश और संविधान को बचाना है तो सबको एक साथ आना होगा । उधर कांग्रेस भी यही बात कर रही है ।लेकिन सपा नही चाहती कि कांग्रेस की अगुवाई में यूपी में एकता कायम हो ।सपा चाहती है कि जहां क्षेत्रीय दल मजबूत है वहां उसकी अगुवाई में चुनाव हो और कांग्रेस उसमे सहभागी बने ।लगता है कि अंत में कांग्रेस को भी यह शर्त माननी होगी ।अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो केसीआर भी कांग्रेसनको गले लगा सकती है।