देहरादून/ पिथौरागढ। नेपाल की सीमांत जनपद पिथौरागढ नैनीसैनी एयरपोर्ट का संचालन भारतीय वायु सेना (IAF) के हाथों सौंपने की कवायद चल रही है।
नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि उत्तराखंड शासन की ओर से इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उधर सूत्रों का दावा है कि जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है।
रविवार को उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव एस.एस. सिन्धु ने पिथौरागढ स्थित नैनीसैनी एयरपोर्ट निरीक्षण किया। इसके बाद से एयरपोर्ट का संचालन IAF को देने की सम्भावनाओं को बल मिला है।
इससे पहले हाल ही में भारतीय वायु सेना के शीर्ष अधिकारी नैनीसैनी एयरपोर्ट निरीक्षण कर चुके हैं। पिथौरागढ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने अधिकृत तौर पर इस मसले पर बयान देने से साफ इंकार किया।
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बता दें कि नैनीसैनी एयरपोर्ट 1991 में हवाई पट्टी बनी थी। 2015 में व्यावसायिक उडानों के लिए इसका विस्तार हुआ। 65 करोड़ रुपये की लागत से 1600 मीटर व 60 मीटर चौड़ी पट्टी तैयार की गयी। नवंबर 2015 में नौ सीटर विमान की ट्रॉयल लैंडिंग हुई।
वर्ष 2018 में डीजीसीए से हरी झंडी मिलने पर यहा एयर ट्रैफिक कंट्रोल, फायर बिग्रेड, बुकिंग काउंटर आदि बनाये गये। 17 फरवरी 2019 को पहली यात्री उड़ान हिंडन एयरफोर्स को शुरु हुई। लेकिन मार्च 2020 में विमान के रनवे में फिसलने के बाद से यात्रियों के लिए किसी विमान ने उड़ान नहीं भरी है।
अब यदि इसका संचालन IAF को सौंप दिया जाता है तो यह यात्रियों के साथ-साथ वायु सेना के लिए विमान फिर से उड़ान भरने लगेंगे।