Nagpur Riot Investigation: एनआईए ने संभाली जांच, बांग्लादेशी कनेक्शन की हो रही जांच
नागपुर हिंसा की जांच अब एनआईए ने अपने हाथ में ले ली है, जिसमें बांग्लादेशी कनेक्शन की आशंका जताई जा रही है। जांच एजेंसियां सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और विदेशी हस्तक्षेप की पड़ताल कर रही हैं। पुलिस ने अब तक 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और जांच जारी है।
Nagpur Riot Investigation: महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में हिंसा के पीछे बांग्लादेशी तत्वों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में विदेशी कनेक्शन की जांच कर रही हैं, जिससे पूरे मामले की साजिश को उजागर किया जा सके।
कैसे भड़की हिंसा?
17 मार्च को नागपुर के कुछ इलाकों में हिंसा भड़क उठी। यह घटना तब हुई जब एक संगठन ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल को बिगाड़ते हुए पथराव किया और वाहनों को नुकसान पहुंचाया।
प्रशासन के मुताबिक, इस हिंसा में कई लोगों को चोटें आईं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया और शहर में सुरक्षा बढ़ा दी।
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बांग्लादेशी कनेक्शन की जांच
जांच एजेंसियों को सोशल मीडिया पर चल रही कुछ गतिविधियों से यह संकेत मिले हैं कि हिंसा भड़काने में विदेशी तत्वों की भूमिका हो सकती है। पुलिस ने ऐसे कई सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की है जो हिंसा से पहले और उसके बाद अफवाहें फैलाने में सक्रिय थे।
साइबर सेल को जांच में पता चला है कि इनमें से कुछ अकाउंट्स बांग्लादेश से संचालित किए जा रहे थे। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस हिंसा के पीछे कोई संगठित साजिश थी या यह केवल स्थानीय स्तर पर हुआ विवाद था।
मुख्य आरोपी और गिरफ्तारियां
पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। कुछ प्रमुख आरोपियों पर हिंसा भड़काने, भीड़ को उकसाने और सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाने के आरोप लगाए गए हैं।
अब तक 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि कई और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। पुलिस उन संगठनों की भी जांच कर रही है जिनका इस घटना में अप्रत्यक्ष रूप से हाथ हो सकता है।
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एनआईए और एटीएस की संयुक्त जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए, महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) और एनआईए ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। अधिकारी यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या इस हिंसा का संबंध किसी बड़े आतंकवादी संगठन से तो नहीं है।
एजेंसियां सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट और वीडियो का विश्लेषण कर रही हैं ताकि यह समझा जा सके कि हिंसा के पीछे कौन लोग थे और इसे कैसे अंजाम दिया गया।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
इस हिंसा के बाद प्रशासन ने पूरे नागपुर शहर में सुरक्षा बढ़ा दी है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
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इसके अलावा, प्रशासन सोशल मीडिया पर सख्ती से निगरानी रख रहा है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सोशल मीडिया की भूमिका और निगरानी
इस घटना में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका सामने आई है। कई फर्जी वीडियो और संदेश वायरल हुए, जिससे हालात और बिगड़ गए।
साइबर सेल ने अब तक 200 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की है जो भ्रामक और भड़काऊ सामग्री पोस्ट कर रहे थे। इन अकाउंट्स की जांच की जा रही है और यदि इनमें से कोई विदेशी लिंक पाया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नागपुर में हुई इस हिंसा की जांच अब एनआईए और एटीएस कर रही है, जिससे संकेत मिलता है कि यह मामला केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं हो सकता। बांग्लादेशी कनेक्शन की आशंका ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
प्रशासन की सख्ती और जांच एजेंसियों की सक्रियता से उम्मीद की जा रही है कि इस हिंसा के असली गुनहगारों को जल्द ही पकड़ा जाएगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
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