Congress Income Tax Matter: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ी राहत देते हुए केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट से कहा कि, वह 3,500 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया कर राशि की वसूली के लिए विपक्षी दल के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी। अदालत ने कहा कि, मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।
आयकर विभाग (Income tax department) से नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें 3,567 करोड़ रुपये की बकाया कर राशि का भुगतान करने की मांग की गई थी। विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) पर “कर आतंकवाद” का आरोप लगाया है और आयकर विभाग के कदम को चुनावों से पहले उसे वित्तीय रूप से दबाने का प्रयास बताया है। पार्टी ने कहा है कि, यह चुनावों के लिए समान अवसर को बाधित कर रहा है और चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया है।
इससे पहले, कर अधिकारियों (Tax Authorities) ने पिछले वर्षों के बकाए के लिए एक पार्टी के खातों से ₹ 135 करोड़ की राशि निकाल ली थी। जब मामला आज न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली पीठ के सामने आया, तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, केंद्रीय एजेंसी चुनाव के दौरान विपक्षी दल के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, “उन्हें 2024 में 20 प्रतिशत का भुगतान करने का विकल्प दिया गया था, ₹ 135 करोड़ की वसूली की गई थी। ₹ 1,700 करोड़ की मांग बाद में की गई है। इसलिए, मामला बाद में उठाए गए ₹ 1,700 से संबंधित है। इस पूरे मामले को पोस्ट के लिए तय किया जा सकता है चुनाव। हम तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।”
जब अदालत ने पूछा कि क्या केंद्र कर मांग को रोक रहा है, तो श्री मेहता ने जवाब दिया, “नहीं, हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि हम चुनाव तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।” कांग्रेस की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि, केंद्र ने संपत्तियों को कुर्क करके 135 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। “हम कोई लाभ कमाने वाला संगठन नहीं हैं, केवल एक राजनीतिक दल हैं।”
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि, उन्हें योग्यता पर बहुत कुछ कहना है। साथ ही अदालत ने कहा कि अपीलों में उठे मुद्दों पर अभी फैसला सुनाया जाना बाकी है और आगे इस मामले की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर की जाएगी। हालाँकि, फिलहाल कांग्रेस के पास राहत महसूस करने का कारण है।
कांग्रेस ने पहले कहा था कि, सत्तारूढ़ भाजपा कर कानूनों का गंभीर उल्लंघन कर रही है, लेकिन आयकर विभाग इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चेतावनी दी थी कि जब सरकार बदलेगी, तो यह सुनिश्चित करने के लिए अनुकरणीय कार्रवाई की जाएगी कि कोई दोबारा ऐसे कदम उठाने की हिम्मत न करे।
उन्होंने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि, “जब सरकार बदलेगी तो लोकतंत्र को तार-तार करने वालों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी और ऐसी अनुकरणीय कार्रवाई की जाएगी कि कोई भी दोबारा यह सब करने की हिम्मत नहीं करेगा। यह मेरी गारंटी है।”
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि, कांग्रेस को आर्थिक रूप (Economic Form) से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।
पार्टी नेता अजय माकन ने कहा कि, कांग्रेस को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। “हम जो कह रहे हैं वह यह है कि एक समान अवसर होना चाहिए। यह कार्रवाई कांग्रेस को आर्थिक रूप से दबाने और पार्टी द्वारा विज्ञापनों, यात्रा, वेतन, एजेंसियों आदि पर चुनाव संबंधी किसी भी खर्च को रोकने, रोकने, देरी करने और अक्षम करने के लिए बनाई गई थी। उन्होंने कहा, यह वास्तव में भयावह है कि मूल्यांकन किए गए वित्तीय वर्ष 1993-94 तक जाते हैं, जब दिवंगत सीताराम केसरी पार्टी के कोषाध्यक्ष थे।”
उन्होंने आरोप लगाया था कि, ”ये आदेश मनगढ़ंत और मनगढ़ंत डायरियों और भाजपा के प्रमुख संगठन द्वारा तीसरे पक्षों पर तथाकथित छापों पर आधारित हैं। इनमें से कई छापों वाले तीसरे पक्षों को आयकर विभाग की दूषित खोज प्रक्रियाओं के आधार पर अदालतों से स्थगन आदेश प्राप्त हैं।” माकन ने दावा किया कि कांग्रेस को वही अंतरिम राहत नहीं दी जा रही है।