LokSabha Election Update: मथुरा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार हेमा मालिनी को टक्कर देंगे ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह
![LokSabha Election Update: Olympian boxer Vijender Singh will compete with BJP candidate Hema Malini on Mathura seat.](http://newswatchindia.com/wp-content/uploads/2024/04/MixCollage-01-Apr-2024-03-18-PM-3830-780x470.jpg)
LokSabha Election Update: ब्रज की भूमि पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। ड्रीम गर्ल के रूप में ख्यात रही हेमा मालिनी को इस बार चुनौती देने जा रहे हैं इंडिया गठबंधन के ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह। लेकिन मामला इतना भर ही नहीं है। इस बार बसपा भी यहाँ से मैदान में है। बसपा ने यहाँ से पूर्व आईआरएस अधिकारी सुरेश सिंह को मैदान में उतारा है। ऐसे में अब साफ़ हो गया है कि हेमा मालिनी की राह आसान नहीं रह गई है।
स्थानीय लोग भी कह रहे हैं कि ब्रज की भूमि पर इस बार बड़ा मुकाबला है। अगर इतनी कड़ी लड़ाई के बीच भी अगर बीजेपी उम्मीदवार हेमा मालिनी चुनाव जीत जाती है तो बड़ी उपलब्धि बीजेपी की होगी। लेकिन जो माहौल है उससे नहीं लगता कि हेमा मालिनी आसानी से इस बार चुनाव जीत पाएगी।
हेमा मालिनी 75 साल की हो गई है। वे दो बार मथुरा से सांसद रह चुकी है और वर्तमान में भी वह वही से सांसद हैं। इसके साथ ही हेमा मालिनी को पीएम मोदी के चेहरे का आसरा भी है। बीजेपी को इस बात पर भी ज्यादा यकीन है कि मथुरा और ब्रज की भूमि हिंदुओं की भूमि है और हिंदुत्व की लहर का फायदा इस बार भी बीजेपी को मिलेगा और हेमा मालिनी चुनाव जीत सकेगी।
इंडिया गठबंधन की तरफ से बॉक्सर विजेंदर सिंह को मैदान में उतारा गया है। वे जाट समाज से आते हैं और ब्रज की इस सीट पर जाटों की बहुतायत है। यहाँ के जाट ही हेमा मैली को अब तक जिताते रहे हैं लेकिन जब इस बार विजेंदर सिंह की मैदान में हैं तो जाटों का बड़ा वर्ग उनके साथ खड़ा होता दिख रहा है।
मथुरा में जाटों का पांच लाख से ज्यादा वोट है। चुकी हेमा मालिनी अभिनेता धर्मेंद्र की पत्नी है और धर्मेंद्र जाट समाज से ही आते हैं ऐसे में जाटों का समर्थन हेमा को मिलता रहा है। लेकिन इस बार विजेंदर सिंह के मैदान में आने से सामाजिक समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं। जाता का बड़ा हिस्सा जहाँ बॉक्सर खड़ा है वही आम लोगो का बड़ा वर्ग भी बॉक्सर के समर्थन में खड़ा होता दिख रहा है।
वैसे बॉक्सर हरियाणा के भिवानी से आते हैं। लेकिन अब वे मथुरा का प्रतिनिधित्व करने को इच्छुक हैं। उधर बसपा के उम्मीदवार सुरेश सिंह काफी साफ़ सुथरी छवि वाले हैं। वे मथुरा में ही कई शिक्षणज संस्थान से जुड़े हुए हैं। उनकी भी लोगों में पानी पहचान है और मथुरा की जनता उन्हें खूब मानती भी है। सुरेश सिंह तमाम सामाजिक कार्यों में शामिल होते रहे हैं और हर लोगों के साथ उनके सरोकार भी रहे हैं।
यह बात और है कि सांसद हेमा मालिनी ने मथुरा में कई विकास योजनाओं की शुरुआत की है। बृंदावन के विकास में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। इसके साथ ही हेमा कृष्ण भक्त भी है और हमेशा अपने लोगों के भी है। वे काफी लोकप्रिय भी है और जनता से जुडी हुई भी है। लेकिन राजनीतिक खेल तो खेल है। फिर हेमा की अब उम्र भी हो गई है। ऐसे में इस बार मथुरा सीट पर किसकी जीत होगी यह देखना दिलचस्प हो सकता है।
मथुरा में 26 को मतदान है। देखना होगा कि मथुरा इस बार किसको अपना नेता चुनता है। अगर हेमा की जीत होती है तो साफ़ है कि लोगों ने बीजेपी और पीएम मोदी के नाम पर हेमा को वोट दिया है और अगर हेमा की हार होती है तो यह कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि मथुरा अब बदलाव चाहता है।