Nawaz Sharif on India-Pakistan Relation: जयशंकर की यात्रा के बाद पाकिस्तान का टूटा घमंड! नवाज शरीफ ने लगाई ये गुहार
Pakistan's pride shattered after Jaishankar's visit! Nawaz Sharif made this appeal
Nawaz Sharif on India-Pakistan Relation: भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर के पाकिस्तान दौरे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बयान काफी चर्चा में है। नवाज शरीफ ने 70 साल पुरानी दुश्मनी को दफनाकर एक नई शुरुआत करने की मांग की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान को आईना दिखाने के बाद भारत लौट आए हैं। लेकिन इस यात्रा के बाद पाकिस्तान के सुर बदले हुए नज़र आ रहे हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने भारत को दोस्ती का प्रस्ताव दिया है। उनके मुताबिक, भारत और पाकिस्तान को पिछले 70 सालों की नाराज़गी को पीछे छोड़कर फिर से शुरुआत करनी चाहिए।
क्या बोले नवाज शरीफ?
नवाज शरीब ने कहा कि मैं दोनों देशों के बीच मध्यस्ता का प्रयास कर रहा हूं। वहीं भाई की बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि चीजें ऐसे ही आगे बढ़नी चाहिए। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ विदेश मंत्री आए। मैं पहले भी कह चुका हूं कि भारत-पाकिस्तान को बैठकर बातचीत करनी चाहिए।
70 साल हो गए- नवाज
नवाज शरीफ का कहना है कि हमने 70 साल लड़ते हुए निकाल दिए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए। हमने दोनों देशों के रिश्ते सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की है। दोनों पक्षों को बैठकर इस पर बात करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है?
अतीत को भुलाकर आगे बढ़ें- नवाज
जयशंकर की विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। हमें अतीत की बजाए भविष्य का रुख करना चाहिए। हमारे लिए अच्छा यही होगा कि हम अतीत को दफना कर आगे बढ़ें। इससे दोनों देश तरक्की की तरफ अग्रसर होंगे।
अतीत को भुलाकर आगे बढ़ें- नवाज
जयशंकर की अंतरराष्ट्रीय यात्रा का जिक्र करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि यह एक शानदार शुरुआत है। हमें अतीत के बजाय भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बेहतर होगा कि हम अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ें। इसके परिणामस्वरूप दोनों देश आगे बढ़ेंगे।
9 साल बाद पाकिस्तान में रखा कदम
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक पाकिस्तान की यात्रा की थी। 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान गई थीं। हालांकि, 2016 में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी संबंध तोड़ लिए थे। भारत ने साफ कर दिया है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। सीमा पार आतंकवाद अभी भी मजबूत है। इसी वजह से एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए गए जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय चर्चा नहीं की और 24 घंटे की यात्रा के बाद भारत लौट गए।