पटना। राजधानी में गत 22 अगस्त को टीईटी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन करने के दौरान दरभंगा से आये अभ्यर्थी पर डंडें बरसाकर बेरहमी से पिटाई करने वाले लाठीबाज एडीएम ( कानून एवं व्यवस्था) के.के. सिंह को जांच में दोषी पाया गया है। अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा पकड़े होने के बावजूद उस पर डंडे मारने की कोई तुक नहीं थी। जिलाधिकारी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के अदंर जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस प्रकरण की वीडियो न्यूज चैनल्स व सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो पर वायरल होने पर पटना के जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की दो सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। इस समिति में डीडीसी और एसपी सिटी(मध्य) शामिल थे। इस कमेटी ने एडीएम( कानून एवं व्यवस्था) के.के. सिंह को जरुरत से ज्यादा आक्रामक व सर्तक न होने का दोषी करार दिया है।
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जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में कमेटी ने कहा है कि एडीएम ( कानून एवं व्यवस्था) के.के. सिंह जरुरत से ज्यादा आक्रामक थे और प्रदर्शन से समय उन्होने सतर्क होने का भी परिचय नहीं दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौके पर पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों व पर्याप्त जवानों के होते हुए एडीएम के हाथ में ड़डा लेने का कोई स्पष्ट कारण प्रतीत नहीं होता। हाथ में झंड़े लिए अभ्यर्थी के सभी ओर से घिरे होने बाद भी लाठी से पिटाई करना तर्क संगत नही था। अभ्यर्थी को तत्काल हिरासत में लिया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषी एडीएम केके सिंह को डीएम चंद्रशेखर सिंह को एक सप्ताह के अंदर अपना जबाव दाखिल करना होगा। एडीएम का जबाव संतोषजनक न पाये जाने पर जिलाधिकारी उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए शासन को अपनी अनुशंसा भेज सकते हैं।