Sliderट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

World Rhino Day: प्रधानमंत्री मोदी ने राइनोज के संरक्षण का किया आह्वान

PM Modi calls for protection of rhinos

World Rhino Day: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ल्ड राइनो डे (World Rhino Day) के अवसर पर राइनोज के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने नागरिकों से असम (Assam) के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park) की यात्रा करने का भी आग्रह किया, जो भारत में बड़ी संख्या में एक सींग वाले राइनो (one-horned rhino) का घर है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर किया पोस्ट

पीएम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “आज, वर्ल्ड राइनो डे पर, आइए हम अपने ग्रह की सबसे प्रतिष्ठित प्रजातियों में से एक-राइनोज की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराएँ। पिछले कई वर्षों से राइनोज के संरक्षण के प्रयासों में शामिल सभी लोगों को बधाई।

यह बहुत गर्व की बात है कि, भारत में बड़ी संख्या में एक सींग वाले राइनो हैं। मैं असम में काजीरंगा की अपनी यात्रा को भी याद करता हूँ और आप सभी से वहाँ जाने का आग्रह करता हूँ।”

वर्ल्ड राइनो डे समारोह

विश्व राइनो दिवस हर साल 22 सितंबर को पाँच राइनो प्रजातियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। पाँच प्रजातियाँ सुमात्रा राइनो, सफ़ेद राइनो, काला राइनो, बड़ा एक सींग वाला राइनो और जावन राइनो हैं। यह दिन राइनोज को अवैध शिकार और आवास के नुकसान जैसे खतरों से बचाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान करता है। यह दुनिया भर में राइनोज की सुरक्षा और संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालता है। यह 2011 से मनाया जा रहा है। यह दिन राइनोज के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है। वन्यजीव उत्साही (Wildlife Enthusiast), विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund-WWF), विशेषज्ञ (expert), संरक्षणवादी (Conservationist) और दुनिया भर की सरकारें इस दिन को मनाती हैं। लोग जागरूकता कार्यक्रम (Awareness Programme), कक्षा परियोजनाएँ (Classroom Projects), पोस्टर प्रदर्शन (Poster Display), धन उगाहने वाली गतिविधियाँ (Fundraising Activities), नीलामी (Auction) आदि आयोजित करके इस दिन को मनाते हैं।

भारत में राइनोज

बड़ा एक सींग वाला राइनोसेरोस या “भारतीय राइनोसेरोस” राइनोज की सबसे बड़ी प्रजाति है और भारत इस प्रजाति का घर होने का दावा करता है। वे एक समय भारतीय उपमहाद्वीप (Indian subcontinent) के उत्तरी भाग (Northern part) में व्यापक रूप से फैले हुए थे, जब तक कि उन्हें मनोरंजन के लिए शिकार नहीं किया गया, अवैध शिकार (illegal hunting) नहीं किया गया और कृषि कीट (Agricultural Pests) के रूप में मार नहीं दिया गया। उनकी निरंतर हत्या ने उन्हें 20वीं सदी की शुरुआत में विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा दिया।

एक सींग वाले बड़े राइनोज की पहचान एक काले सींग से होती है, जो लगभग 8-25 इंच लंबा होता है, और त्वचा की परतों के साथ एक भूरे-भूरे रंग का कोट होता है, जो इसे कवच-प्लेटेड रूप देता है। यह प्रजाति एकांतप्रिय (Species reclusive) होती है, सिवाए जब वयस्क नर या लगभग वयस्क राइनोज (adult rhinos) दलदल में या चरने के लिए इकट्ठा होते हैं। नरों के पास ढीले-ढाले घरेलू क्षेत्र होते हैं जो अच्छी तरह से सुरक्षित नहीं होते हैं और अक्सर ओवरलैप होते हैं। वे मुख्य रूप से चरने वाले जीव हैं, तथा उनका आहार लगभग पूरी तरह से घास के साथ-साथ पत्तियां, झाड़ियों और पेड़ों की शाखाएं, फल और जलीय पौधे हैं।

भारत में राइनोज कहाँ देखे जा सकते हैं?

भारत में राइनोज काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, ओरंग राष्ट्रीय उद्यान (Orang National Park) और असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जा सकते हैं। असम के गोलाघाट में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को दुनिया के दो-तिहाई से ज़्यादा राइनोज का घर माना जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) का विश्व धरोहर स्थल (world Heritage Sites) भी है। सख्त सुरक्षा और आवास प्रबंधन के कारण ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में राइनोज की अच्छी खासी आबादी देखी गई है।

राइनोज के संरक्षण के लिए भारत सरकार की परियोजनाएँ

भारत सरकार राइनोज के संरक्षण और सुरक्षा के लिए कई परियोजनाएँ चला रही है। जो है-

2005 में असम में राइनोज की पॉपुलेशन बढ़ाने के लिए भारतीय राइनो विजन-2020 (IRV-2020) शुरू किया गया था। इसका ऑब्जेक्टिव मौजूदा राइनोज की पॉपुलेशन के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाना है।

एक सींग वाले राइनोज की सुरक्षा के लिए 2005 में प्रोजेक्ट राइनो शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य भीड़भाड़ वाले स्थानों से उन्हें हटाकर बड़ी, सुरक्षित और अधिक स्थिर राइनोज की आबादी स्थापित करना था।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 2019 में “भारतीय एक सींग वाले राइनोज के लिए राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति” शुरू की, जिसका लक्ष्य उन क्षेत्रों में भी राइनोज की आबादी को फिर से बढ़ाना है जहाँ पहले राइनोज हुआ करते थे, मौजूदा संरक्षण प्रयासों को बढ़ाकर और वैज्ञानिक और प्रशासनिक उपायों के माध्यम से उन्हें मजबूत करके।

Chanchal Gole

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button