PM Modi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में बुधवार 22 अगस्त को पोलैंड पहुंचे। पोलैंड के बाद वे यूक्रेन जाएंगे। पीएम मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य रूस के साथ चल रहे युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान निकालना है। यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज्वेन्स्की से बातचीत करेंगे। लेकिन, पीएम मोदी की यात्रा के बीच में रूस ने बड़ा दांव खेला है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर गंभीर हमले की चेतावनी दी है।
दरअसल, यूक्रेन ने पिछले कुछ दिनों में इस युद्ध में बड़ी बढ़त बना ली है। उसने रूस की राजधानी मॉस्को की सुरक्षा में भी सेंध लगाई है। यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है। इससे रूस और पुतिन भड़के हुए हैं। दूसरी ओर, मॉस्को पर यूक्रेन लगातार ड्रोन दाग रहा है। हाल ही की रिपोर्ट की माने तो, मॉस्को पर यूक्रेन ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। ऐसे में रूसी एयर डिफेंस ने 11 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया। रूसी सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि रूस के कुर्स क्षेत्र में यूक्रेनी सेना की घुसपैठ के बाद कीव के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि, जब तक हम यूक्रेन को हरा नहीं देते, तब तक उससे कोई बातचीत नहीं होगी।
पिछले महीने गए थे पीएम मोदी रूस
रूस की ओर से ये बातें ऐसे समय कही गई हैं जब पीएम मोदी यूक्रेन का दौरा करने वाले हैं। इससे पहले पीएम मोदी 9 जुलाई को भी रूस गए थे। उस यात्रा के दौरान भी उन्होंने कहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का समाधान युद्ध नहीं है। उस समय उन्होंने पुतिन की मौजूदगी में युद्ध खत्म करने की अपील की थी।
बुधवार को पोलैंड रवाना होने से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाती है। मैं अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्रों प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हूं। वारसॉ से मोदी कीव जाएंगे, जो 1991 में यूक्रेन को स्वतंत्रता मिलने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा होगी।
मोदी ने कहा कि एक मित्र और साझेदार के रूप में हम क्षेत्र में शीघ्र शांति और स्थिरता की बहाली की आशा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वारसॉ और कीव की उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक संपर्कों की स्वाभाविक निरंतरता के रूप में काम करेगी और आने वाले वर्षों में अधिक मजबूत और जीवंत संबंधों की नींव रखने में मदद करेगी। लेकिन, यूक्रेन-रूस युद्ध के बढ़ने और रूस की घबराहट ने शांति के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों को झटका दिया है।