National Unity Day in Kevadia: गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ नारे का विरोध करने वाले लोग देश की एकता से परेशान हैं। कुछ ताकतें भारत की बढ़ती ताकत, भारत में बढ़ती एकता की भावना से बहुत परेशान हैं। ऐसे लोग भारत के भीतर और भारत के बाहर, दोनों जगह भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वे भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं। वे ताकतें चाहती हैं कि भारत के बारे में गलत संदेश दुनिया भर के देशों में जाए और भारत की नकारात्मक छवि बने।
पीएम मोदी ने कहा कि, ये लोग भारतीय सशस्त्र बलों को भी निशाना बना रहे हैं। गलत सूचना अभियान चलाए जा रहे हैं। ये सशस्त्र बलों में विभाजन पैदा करना चाहते हैं। ये लोग जाति के नाम पर भारत को बांटने में लगे हैं। ये लोग कभी नहीं चाहते कि भारत का विकास हो। कमजोर भारत की राजनीति, गरीब भारत की राजनीति ऐसे लोगों को सूट करती है। पांच दशकों तक ये गंदी राजनीति देश को कमजोर करने के लिए की गई, इसीलिए ये लोग संविधान और लोकतंत्र के नाम पर भारत के लोगों के बीच भारत को बांटने का काम कर रहे हैं।
हमें शहरी नक्सलियों के गठजोड़ को पहचानना होगा
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, हमें शहरी नक्सलियों के इस नेक्सस को पहचानना होगा। हमें उनसे लड़ना होगा जो देश को तोड़ने का सपना देखते हैं। पहले हम एकता के गीत गाते थे और आज एकता की बात करना भी गुनाह बना दिया गया है। आज अगर कोई ये गीत गाता है ‘हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं…’ तो शहरी नक्सलियों की टोली उसे गाली देने से पीछे नहीं हटती। आज अगर कोई कहता है ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’, तो ये लोग उसे गलत तरीके से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, जो समाज को बांटना चाहते हैं, वो देश की एकता से परेशान हैं। हमें ऐसे लोगों से पहले से भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
आने वाले 25 साल एकता की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं
पीएम मोदी ने कहा कि, सरदार पटेल साहब का कहना था कि भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य एकजुट और मजबूत शक्ति बनना होना चाहिए। हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि भारत विविधताओं वाला देश है, हम विविधता का जश्न मनाएंगे। तभी एकता मजबूत होगी। आने वाले 25 साल एकता की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए हमें एकता के इस मंत्र को कभी कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए। हमें हर झूठ से लड़ना है, हमें एकता के मंत्र को जीना है। तेज आर्थिक विकास के लिए, विकसित भारत बनाने के लिए, समृद्ध भारत बनाने के लिए ये एकता जरूरी है। ये एकता सामाजिक समरसता का मूल है। एकता को बनाए रखना है।