केजरीवाल के थर्ड फ्रंट को लगा झटका ,उनकी डिनर पार्टी धरी रह गई!
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal News - News Watch India
Latest Politics News Arvind Kejriwal! सपने तो सपने हैं। बदलती राजनीति में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी सपना देखा था कि उनकी अगुवाई में एक थर्ड फ्रंट बनाई जायेगी ताकि आने वाले लोक सभा चुनाव में वे खुद भी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बन सके। केजरीवाल गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी फ्रंट छह रहे थे। इस चाहत को अंजाम देने के लिए केजरीवाल ने 7 मार्च को कुछ मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर 18 मार्च को अपने आवास पर डिनर पार्टी देने की बात कही कही थी। कहा गया था कि हम सब साथ डिनर करेंगे और आगे की राजनीति पर बात भी करेंगे। लेकिन 18 मार्च गुजर गया और केजरीवाल की पार्टी शायद नहीं हो पाई। केजरीवाल परेशान जरूर होंगे। लगता है उनके सपने पर पानी फिर गया है।
जानकारी के मुताबिक़ केजरीवाल ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ,बिहार के सीएम नितीश कुमार ,बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ,तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ,तेलंगाना के सीएम केसीआर और केरल के सीएम पी विजयन को न्योता भेजा था। इसके साथ ही पंजाब के सीएम भगवंत मान को भी इसमें बुलाया गया था। लगता है किसी भी नेता ने केजरीवाल का न्योता स्वीकार नहीं किया है। 18 मार्च तो गुजर गए लेकिन इस डिनर पार्टी की कही कोई चर्चा नहीं हो सकी। लगता है थर्ड फ्रंट के विचार को आमंत्रित मुख्यमंत्रियों ने अस्वीकार कर दिया है। अब इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं।
केजरीवाल ने जिन मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था उन्हें प्रोग्रेसिव मुख्यमंत्री कहा था और कहा था कि यह डिनर पार्टी प्रोग्रेसिव ग्रुप ऑफ़ चीफ मिनिस्टर्स का है जिसे जी 8 के नाम से भी जाना जाएगा। कहा गया था कि 18 की पार्टी और बातचीत के बाद 19 मार्च को प्रेस वार्ता होगा और इसमें कोई बड़ी बात सामने आएगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। न तो डिनर पार्टी हुई और न ही प्रेस वार्ता ही हुई। उलटे केजरीवाल कई फंसते चले गए।
उधर तीसरा मोर्चा को ममता बनर्जी ने अंजाम तक दे दिया है। हालांकि ममता के इस मोर्चे में अभी तक टीएमसी और सपा ही शामिल है और उम्मीद की जा रही है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री भी देर सवेर इस मोर्चा के साथ जुड़ सकते हैं। उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केसीआर भी मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। नीतीश कुमार जहां कांग्रेस को लेकर विपक्षी एकता की बात करते हैं वही केसीआर भी केजरीवाल की राह पर चलते दिख रहे हैं। इधर कांग्रेस अभी विपक्ष की भूमिका में पूरी तैयारी के साथ बीजेपी से लड़ती दिख रही है। आगे क्या होगा कोई नहीं जनता। लेकिन अब केजरीवाल समझ गए है कि उन्हें राजनीति अकेले ही करनी होगी या फिर विपक्षी एकता की राह पर चलना होगा।